"असंगति अलंकार": अवतरणों में अंतर

छो बॉट: हिन्दी साहित्य श्रेणी जोड़ रहा है
छो असंगति अलंकार
टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 1:
{{स्रोतहीन|date=सितंबर 2014}}
 
[[अलंकार चन्द्रोदय]] के अनुसार हिन्दी कविता में प्रयुक्त एक अलंकारअलंकार।
 
असंगति - कारण और कार्य में संगति न होने पर असंगति अलंकार होता है । जैसे -
{{रस छन्द अलंकार}}
 
                      हृदय घाव मेरे पीर रघुवीरै ।
 
घाव तो लक्ष्मण के हृदय में है , पर पीड़ा राम को है , अत: असंगति अलंकार है ।
 
2- उरझत टूटत कुटुम, जुरत चतुर चित प्रीति।{{रस छन्द अलंकार}}
 
[[श्रेणी:हिन्दी साहित्य]]