"सिग्मंड फ्रायड": अवतरणों में अंतर

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उन्नीसवीं सदी के आरम्भ के कुछ समय पहले [[मनोविज्ञान]] एक स्वतंत्र विज्ञान के रूप में विकसित हुआ। इससे पहले मनोविज्ञान को दर्शन के अंतर्गत पढ़ा जाता था। उस वक्त मनोविज्ञान का उद्देश्य वयस्क मानव की चेतना का विश्लेषण और अध्ययन करना था। फ्रायड ने इस परम्परागत "चेतना के मनोविज्ञान " का विरोध किया और मनोविश्लेषण सम्बन्धी कई नई संकल्पनाओं का प्रतिपादन किया जिसपर हमारा आधुनिक मनोविज्ञान टिका हुआ है।
 
फ्रायड के प्रारम्भिक जीवन को देखने पर हम पाते हैं कीकि आरम्भ से ही उनका झुकाव तंत्रिका विज्ञान की ओर था। सन् 1873 से 1881 के बीच उनका संपर्क उस समय के मशहूर तंत्रिका विज्ञानी अर्नस्ट ब्रुकी (Ernst Brucke) से हुआ. फ्रायड, अर्नस्ट ब्रुकी से प्रभावित हुए और उनकी प्रयोगशाला में कार्य प्रारम्भ किया। शरीर विज्ञान और तंत्रिका विज्ञान में कई शोध पत्र प्रकाशित करने के बाद फ्रायड अर्नस्ट ब्रुकी से अलग हुए और उन्होंने अपना निजी व्यवसाय चिकित्सक के रूप में प्रारम्भ किया। सन् 1881 में फ्रायड ने वियना विश्व विद्यालय से एम.डी (M.D) की उपाधि प्राप्त की। इससे ठीक थोड़े से वक्त पहले फ्रायड का संपर्क जोसेफ ब्रियुवर (Joseph Breuer) से हुआ. फ्रायड ने जोसेफ ब्रियुवर के साथ शोधपत्र "स्टडीज इन हिस्टीरिया" लिखा. "स्टडीज इन हिस्टीरिया" एक रोगी के विश्लेषण पर आधरित था, जिसका काल्पनिक नाम "अन्ना ओ" था। यह माना जाता है कि इसी शोधपत्र में मनोविश्लेषणवाद के बीज छिपे हुए थे। यह शोध बहुत मशहूर हुआ. सन् 1896 में ब्रियुवर तथा फ्रायड में पेशेवर असहमति हुई और वे अलग हो गये।
 
सन् 1900 फ्रायड के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण वर्ष था। इसी वर्ष उनकी बहुचर्चित पुस्तक "इंटरप्रटेशन ऑफ़ ड्रीम" का प्रकाशन हुआ, जो उनके और उनके रोगियों के स्वप्‍नों के विश्लेषण के आधार पर लिखी गई थी। इसमें उन्होंने बताया कि सपने हमारी अतृप्त इच्छाओं का प्रतिबिम्ब होते हैं। इस पुस्तक ने उन्हें प्रसिद्ध बना दिया। कई समकालीन बुद्धिजीवी और मनोविज्ञानी उनकी ओर आकर्षित हुए. इनमें कार्ल जुंग, अल्फ्रेड एडलर, ओटो रैंक और सैनडोर फ्रैन्क्जी के नाम प्रमुख है। इन सभी व्यक्तियों से फ्रायड का अच्छा संपर्क था, पर बाद में मतभिन्नता हुई और लोग उनसे अलग होते गये।