"भारत में संचार": अवतरणों में अंतर

223.176.201.182 (वार्ता) द्वारा किए बदलाव 3773585 को पूर्ववत किया
टैग: किए हुए कार्य को पूर्ववत करना
छो clean up, replaced: date=May 2010 → date=मई 2010 (2) AWB के साथ
पंक्ति 79:
बिना ब्रांड वाले चीनी सेल फोन जिनके पास [[अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान|इंटरनेशनल मोबाइल उपकरण पहचान]] आईएमईआई (IMEI) नंबर नहीं होता, देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा होते हैं, इस वजह से मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटरों ने तकरीबन 30 मिलियन [[मोबाइल फोन]] (देश के कुल मोबाइलों का 8%) का इस्तेमाल 30 अप्रैल तक बंद करने की योजना बनायी। <ref>[http://in.news.yahoo.com/139/20090404/868/ttc-dot-directs-ban-on-usage-of-chinese.html ]{{Dead link|date=July 2010}}</ref> 5-6 सालों में औसतन मासिक ग्राहकों में तकरीबन 0.05 से 0.1 मिलियन वृद्धि होती थी और दिसंबर 2002 में कुल मोबाइल उपभोक्ताओं का आधार 10.5 मिलियन तक पहुंच गया। हालांकि, नियामकों और लाइसेंसदाताओं द्वारा कई सक्रिय पहल करने के बाद मई 2010 तक मोबाइल उपभोक्ताओं की कुल संख्या बढ़कर 617 मिलियन ग्राहकों तक पहुंच गयी है।<ref name="trai_subnumbers">http://www.trai.gov.in/WriteReadData/trai/upload/PressReleases/740/PRelease28June10.pdf</ref><ref name="et_mobile_india">{{Cite web|url=http://economictimes.indiatimes.com/news/news-by-industry/telecom/India-adds-203-million-telephone-subscribers-in-March/articleshow/5860715.cms|title=India adds 20.3 million telephone subscribers in March|publisher=Economic Times}}</ref>
 
भारत ने [[मोबाइल फोन|मोबाइल]] सेक्टर में दोनों जीएसएम (मोबाइल संचार के लिए वैश्विक प्रणाली) और [[कोड डिवीजन मल्टीपल एक्सेस|सीडीएमए (कोड डिवीजन मल्टीपल एक्सेस)]] प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल का चयन किया है। लैंडलाइन और मोबाइल फोन्स के अलावा, कुछ कंपनियां डब्ल्यूएलएल (WLL) की सेवा भी प्रदान करती हैं। भारत में मोबाइल दरें भी दुनिया में सबसे कम हो गई हैं। एक नया मोबाइल कनेक्शन अमेरिकी डॉलर $0.15 की मासिक प्रतिबद्धता के साथ ही सक्रिय किया जा सकता है। 2003-04 और 2004-05 वर्ष में से अकेले 2005 में ग्राहकों में हर महीने लगभग 2 मिलियन की वृद्धि हुई। {{Citation needed|date=Mayमई 2010}}
 
जून 2009 में, [[भारत सरकार]] ने गुणवत्ता में कमी और [[अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान|आईएमईआई]] नंबर के न होने पर चिंता जाहिर करते हुए [[जनवादी गणराज्य चीन|चीन]] में निर्मित कई मोबाइल फोनों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया, क्योंकि भारत में ऐसे फोन की बिक्री का पता लगाने में अधिकारियों को मुश्किलें होती थीं।<ref name="toi_cellphoneban">{{Cite web|url=http://timesofindia.indiatimes.com/Import-of-Chinese-mobiles-milk-products-toys-banned/articleshow/4668458.cms|title=Govt bans import of Chinese mobiles, dairy products, toys|publisher=Times of India}}</ref> अप्रैल 2010 में सरकार ने भारतीय सेवा प्रदाताओं को चीनी मोबाइल प्रौद्योगिकी खरीदने से यह हवाला देते हुए रोका कि चीनी हैकर्स राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान भारतीय दूरसंचार नेटवर्क को अवरुद्ध कर सकते हैं। भारत सरकार की वेबसाइटों और [[नेटवर्क|कंप्यूटर नेटवर्क]] पर चीनी हैकर्स द्वारा लगातार हमलों ने भारतीय नियामकों को चीन में तैयार संभावित संवेदनशील उपकरणों के आयात के प्रति संदिग्ध बना दिया है। इनसे प्रभावित कंपनियों के नाम हैं हुआई प्रौद्योगिकी और ज़ेडटीई.<ref name="times_import">{{Cite news|url=http://business.timesonline.co.uk/tol/business/markets/china/article7121521.ece|title=India blocks deals with Chinese telecoms companies over cyber-spy fears|publisher=Times Online|author=Rhys Blakely | location=London | date=2010-05-10}}</ref><ref name="et_india_block">{{Cite web|url=http://economictimes.indiatimes.com/news/news-by-industry/telecom/China-avoids-condemning-India-over-Huawei-ZTE-ban/articleshow/5940932.cms|title=China avoids condemning India over Huawei ZTE ban|publisher=Economic Times}}</ref><ref name="bw_india_block">{{Cite web|url=http://www.businessweek.com/news/2010-04-30/india-said-to-block-orders-for-china-phone-equipment-update1-.html|title=India Said to Block Orders for China Phone Equipment|author=Mehul Srivastava and Mark Lee|publisher=[[Business Week]]}}</ref>
पंक्ति 301:
 
=== लैंडलाइन्स ===
अभी हाल तक, केवल सरकार के स्वामित्व वाली बीएसएनएल और एमटीएनएल को तांबे के तारों के माध्यम से भारत में लैंडलाइन फोन सेवा प्रदान करने के लिए अनुमति प्राप्त थी, जिनमें से एमटीएनएल[[दिल्ली]] और [[मुम्बई|मुंबई]] में तथा बीएसएनएल देश के अन्य क्षेत्रों में कार्य कर रही थी। अब टचटेल और टाटा टेलीसर्विसेज जैसे निजी संचालकों ने भी बाजार में प्रवेश किया है लेकिन उनके व्यापार का प्राथमिक ध्यान मोबाइल-फोन पर केंद्रित है।{{Citation needed|date=Mayमई 2010}} भारत में सेलुलर फोन उद्योग के तीव्र विकास के कारण, लैंडलाइनों को सेलुलर संचालकों (ऑपरेटरों) से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। इसने लैंडलाइन सेवा प्रदाताओं को और अधिक कुशल बनने तथा अपनी सेवा की गुणवत्ता में सुधार मजबूर कर दिया है। अब उच्च घनत्व वाले शहरी क्षेत्रों में भी मांग पर लैंडलाइन कनेक्शन उपलब्ध है। भारत में आधार के वायरलाइन उपभोक्ताओं {{As of|2009|5|alt=as of September 2009}} का विलगन
नीचे दिया गया है।<ref name="Press 2009">{{Cite web|url=http://www.trai.gov.in/WriteReadData/trai/upload/PressReleases/712/pr23dec09no79.pdf |title=Information note to the Press (Press Release No 73/2009) |format=PDF |date= |accessdate=2010-09-01}}</ref>