"केशव बलिराम हेडगेवार": अवतरणों में अंतर

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== संक्षिप्त जीवन परिचय ==
डॉ॰ हेडगेवार का जन्म [[१ अप्रैल]], [[१८८९]] को [[महाराष्ट्र]] के [[नागपुर जिला|नागपुर जिले]] में पण्डित बलिराम पन्त हेडगेवार के घर हुआ था। इनकी माता का नाम रेवतीबाई था। माता-पिता ने पुत्र का नाम केशव रखा। केशव का बड़े लाड़-प्यार से लालन-पालन होता रहा। उनके दो बड़े भाई भी थे, जिनका नाम महादेव और सीताराम था। [[पिता]] बलिराम वेद-शास्त्र एवं भारतीय दर्शन के विद्वान थे एवं वैदिक कर्मकाण्ड (पण्डिताई) से परिवार का भरण-पोषण चलाते थे।
==hgdchb= बडे भाई से प्रेरणा ===
केशव के सबसे बड़े भाई महादेव भी शास्त्रों के अच्छे ज्ञाता तो थे ही मल्ल-युद्ध की कला में भी बहुत माहिर थे। वे रोज अखाड़े में जाकर स्वयं तो व्यायाम करते ही थे गली-मुहल्ले के बच्चों को एकत्र करके उन्हें भी कुश्ती के दाँव-पेंच सिखलाते थे। महादेव भारतीय संस्कृति और विचारों का बड़ी सख्ती से पालन करते थे। केशव के मानस-पटल पर बड़े भाई महादेव के विचारों का गहरा प्रभाव था। किन्तु वे बड़े भाई की अपेक्षा बाल्यकाल से ही क्रान्तिकारी विचारों के थे। जिसका परिणाम यह हुआ कि वे डॉक्टरी पढ़ने के लिये [[कलकत्ता]] गये और वहाँ से उन्होंने [[कलकत्ता मेडिकल कॉलेज]] से प्रथम श्रेणी में डॉक्टरी की परीक्षा भी उत्तीर्ण की; परन्तु घर वालों की इच्छा के विरुद्ध देश-सेवा के लिए नौकरी का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया। डॉक्टरी करते करते ही उनकी तीव्र नेतृत्व प्रतिभा को भांप कर उन्हें हिन्दू महासभा बंगाल प्रदेश का उपाध्यक्ष मनोनीत किया गया l<ref name="पुस्तक">[http://pustak.org/bs/home.php?bookid=3997 डॉ॰हेडगेवार] एक पुस्तक, लेखक:विनोद तिवारी| [[३ फरवरी]],[[२००४]]| मनोज प्रकाशन</ref>