"शास्त्र": अवतरणों में अंतर
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अर्थात् जो शिक्षा अनुशासन प्रदान कर हमारी रक्षा करती है, मार्गदर्शन करती है, कभी-कभी हमारी उँगली पकड़कर हमें चलाती है, उसे ‘शास्त्र’ कहा गया है। इस प्रकार यदि हम शास्त्र व ग्रन्थ की तरफ देखें तो शास्त्र बहुत ही महत्त्वपूर्ण है।
किन्तु [[धर्म]] के सन्दर्भ में, 'शास्त्र' [[ऋषि]]यों और [[मुनि]]यों आदि के बनाए हुए वे प्राचीन ग्रंथों को कहते हैं जिनमें लोगों के हित के लिये अनेक प्रकार के कर्तव्य बतलाए गए हैं और अनुचित कृत्यों का निषेध किया गया है। दूसरे शब्दों में शास्त्र वे ग्रंथ हैं जो लोगों के हित और अनुशासन के लिये बनाए गए हैं।
== बाहरी कड़ियाँ ==
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