"सनकादि ऋषि": अवतरणों में अंतर
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{{ज्ञानसन्दूक देवी देवता
| name = सनकादि ऋषि
| abode = [[ब्रह्मलोक]]
'''सनकादिक ऋषि''' [[ब्रह्मा]] के चार पुत्र हैं जिनके नाम [[सनक]],[[सनन्दन]],[[सनातन]] व [[सन्तकुमार]] थे। । [[पुराण|पुराणों]] में उनकी विशेष महत्ता है।<ref>[[भागवत]]</ref>▼
| mantra =
| god_of = '''सनक सैर का देवता, सन्नदन शाप का देवता, सनातन आदर का देवता तथा सन्तकुमार तप का देवता'''
| weapon = सनक का शस्त्र लाठी, सन्नदन का शस्त्र कमन्डल, सनातन का शस्त्र गुलाब का पुष्प व सन्तकुमार का शस्त्र जपमाला
| father = [[ब्रह्मा]]
| mother = [[सरस्वती]]
| siblings = नारद मुनि (अनुज), दक्ष प्रजापति (अनुज)
| mount = सनक का वाहन [[चील]], सन्नदन का वाहन [[गिद्ध]], सनातन का वाहन [[बुलबुल]] और सन्तकुमार का वाहन [[चिड़िया]]
}}
▲'''सनकादिक ऋषि''' [[ब्रह्मा]] के चार पुत्र हैं जिनके नाम
==उत्पत्ति ==
भगवान का प्रथम अवतार सनकादि ४ मुनि हैं। वे परमात्मा जो साकार हैं उन्होंने लीलार्थ २४ तत्वों के अण्ड का निर्माण किया। उस अण्ड से ही वे परमात्मा साकार रूप में बाहर निकले। उन्होंने जल की रचना की तथा हजारों दिव्य वर्षों तक उसी जल में शयन किया अतः उनका नाम नारायण हुआ।<!--Start Quote. Please do not change use the उक्ति, template. This has been used here and proved not to work-->
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