"दत्तात्रेय": अवतरणों में अंतर
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"आदौ ब्रह्मा मध्ये विष्णुरन्ते देवः सदाशिवः
▲[[चित्र:Ravi Varma-Dattatreya.jpg|250px|thumb|right|भगवान दत्तात्रेय]]
मूर्तित्रयस्वरूपाय दत्तात्रेयाय नमोस्तु ते।
ब्रह्मज्ञानमयी मुद्रा वस्त्रे चाकाशभूतले
प्रज्ञानघनबोधाय दत्तात्रेयाय नमोस्तु ते।।"
भावार्थ -
"जो आदि में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु तथा अन्त में सदाशिव है, उन भगवान दत्तात्रेय को बारम्बार नमस्कार है। ब्रह्मज्ञान जिनकी मुद्रा है, आकाश और भूतल जिनके वस्त्र है तथा जो साकार प्रज्ञानघन स्वरूप है, उन भगवान दत्तात्रेय को बारम्बार नमस्कार है।" (जगद्गुरु श्री आदि शंकराचार्य)[[चित्र:Ravi Varma-Dattatreya.jpg|250px|thumb|right|भगवान दत्तात्रेय]]
'''दत्तात्रेय''' [[त्रिमूर्ति|ब्रह्मा-विष्णु-महेश]] के अवतार माने जाते हैं।
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