"जॉन मिल्टन": अवतरणों में अंतर

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== राजनीतिक सक्रियता एवं विवाह : तनावपूर्ण जीवन ==
 
30 वर्ष की आयु में यात्रा का निश्चय करके मिल्टन [[लंदन]] से [[पेरिस]] होते हुए [[इटली]] तक गये; परंतु स्वदेश में संकटपूर्ण स्थिति के समाचार प्राप्त होने के बाद उन्हें यात्रा करना अनैतिक जान पड़ा। अगस्त 1639 में वे लंदन लौट आये और 1640 के बाद सत्ता के विरुद्ध प्यूरिटनों के सहायक के रूप में क्रियाशील रहे। [[कॉमनवेल्थ]] की स्थापना होने पर वे विदेशी मामलों की समिति के लिए लैटिन सेक्रेटरी नियुक्त हुए। 1643 में उन्होंने राजपक्ष के एक सदस्य ''रिचर्ड पावेल'' की युवती कन्या ''मेरी पाॅवेल'' से विवाह किया, परंतु यह विवाह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण सिद्ध हुआ। इस युवती को लगा कि मिल्टन के साथ जीवन-यात्रा अंधकारमय है और इसलिए वह महीने भर बाद ही अपने पिता से मिलने गयी और वहाँ से लौटने से इन्कार कर दिया। इसी के बाद मिल्टन ने 'तलाक के सिद्धांत तथा अनुशासन' पर एक पुस्तिका (1643 ई०) लिखी थी। 1645 ई० में पुनः उनकी पत्नी लौट आयी और तीन पुत्रियों की माँ बनने के बाद 1652 में उसका निधन हो गया।<ref>[[हिंदी विश्वकोश]], नवम खंड, नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी, संस्करण-1967, पृ०-281.</ref> 16531652 के आरंभ में ही अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण रूप से वे बिल्कुल अंधे हो गये। अत्यधिक परिश्रम के कारण पहले ही उनकी दृष्टि काफी कमजोर हो चुकी थी। 3 वर्ष बाद उन्होंने पुनः विवाह किया परंतु उनकी पत्नी ''कैथरीन वुडकॉक'' 15 महीने के अंदर ही मर गयी। राजसत्ता के पुनः संस्थापन (1660) के बाद मिल्टन को कैद कर लिया गया और उनकी दो पुस्तकों को राजकीय आज्ञा से जला दिया गया। परंतु शीघ्र ही वे मुक्त हुए और धीरे-धीरे उनकी राजनीतिक प्रसिद्धि समाप्त हो गयी। अब वे अंधे तो थे ही, साथ ही निर्धन और अकेले भी थे। जिस निमित्त उन्होंने इतना परिश्रम और बलिदान किया था उसकी असफलता से उन्हें महान् क्लेश हो रहा था। उन्होंने तीसरा विवाह (1663 में) ''एलिजाबेथ मिन्शल'' से किया था, जिससे वृद्धावस्था में उन्हें आराम मिल रहा था, तथापि पहली पत्नी की पुत्रियों के कृतघ्नतापूर्ण व्यवहार के कारण उन्हें महान कष्ट भी झेलना पड़ रहा था। ऐसी अंधकारमय एवं दुःखपूर्ण परिस्थिति में उन्होंने महान् काव्यात्मक योजनाओं को अपनाया और इसी क्षेत्र में जीवन की चरम सफलता प्राप्त करके 8 नवंबर 1674 को उनका देहांत हो गया।
 
== दुःख की रचनात्मक परिणति ==