"नास्तिकता": अवतरणों में अंतर

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==नास्तिकता, धर्म और नैतिकता==
[[चित्र:Irreligion map.png|thumb|400px|right|दुनिया भर नास्तिकता को स्वीकार करने वालों की गिनती]]
[[बौद्ध धर्म]] मानवी मूल्यों तथा आधुनिक विज्ञान का समर्थक है और बौद्ध अनुयायी काल्पनिक ईश्वर में विश्वास नहीं करते है। इसलिए [[अल्बर्ट आइंस्टीन]], [[भीमराव अम्बेडकर|डॉ॰ बी. आर. अम्बेडकर]], बर्नाट रसेल जैसे कई विज्ञानवादी एवं प्रतिभाशाली लोग बौद्ध धर्म को [[विज्ञानवादी धर्म]] मानते है। चीन देश की आबादी में 91% से भी अधिक लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी है, इसलिए दुनिया के सबसे अधिक नास्तिक लोग चीन में है। नास्तिक लोग धर्म से जुडे हुए भी हो सकते है।
 
दर्शन का अनीश्वरवाद के अनुसार जगत स्वयं संचालित और स्वयं शासित है। ईश्वरवादी ईश्वर के अस्तित्व के लिए जो प्रमाण देते हैं, अनीश्वरवादी उन सबकी आलोचना करके उनको काट देते हैं और संसारगत दोषों को बतलाकर निम्नलिखित प्रकार के तर्कों द्वारा यह सिद्ध करने का प्रयत्न करते हैं कि ऐसे संसार का रचनेवाला ईश्वर नहीं हो सकता।