"नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति": अवतरणों में अंतर

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'''नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति''' [[भारत सरकार]] के गृह मंत्रालय के अंतर्गत राजभाषा विभाग द्वारा निर्मित समिति होती है जो नगर स्तर पर [[राजभाषा]] कार्यान्‍वय सम्बन्धी कार्य देखती है। समिति का गठन राजभाषा विभाग के क्षेत्रीय कार्यान्‍वयन कार्यालयों से प्राप्‍त प्रस्‍तावों के आधार पर भारत सरकार के राजभाषा सचिव द्वारा किया जाता है ।
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भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अंतर्गत राजभाषा विभाग द्वारा नगर राजभाषा कार्यान्‍वय समितियों  (नराकास) की व्‍यवस्‍था पूरे देश के विभिन्न स्थानों पर की गई है। '''
 
==मुख्य बातें==
1.    '''“नराकास :''' जहां 10 इस कार्यालय हों, नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन यों का गठन किया जा सकता है । समिति का गठन राजभाषा विभाग के क्षेत्रीय कार्यान्‍वयन कार्यालयों से प्राप्‍त प्रस्‍तावों के पर भारत सरकार के सचिव(राजभाषा) की से किया जाता है ।
 
1.    जिस नगर में कम से कम १० राजभाषा कार्यालय हों वहाँ नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति का गठन किया जा सकता है।
 
2.      '''अध्‍यक्षता:''' इन यों की अध्‍यक्षता के कार्यालयों/उपक्रमों/बैंं के वरिष्‍ठतम अधिकारियों में किसी के  की जाती है । अध्‍यक्ष को द्वारा नामित किया जाता है । नामित किए जाने से प्रस्‍तावित अध्‍यक्ष से समिति की अध्‍यक्षता प्राप्‍त की जाती है ।
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6.      '''त्‍व:''' इन समितियों की बैठं में के ालयों/उपक्रमों/बैंकों के प्रधान लेते हैं । (मुख्‍यालय) एवं इसके क्षेत्रीय कार्यान्‍वयन कार्यालय के इन बैठकों में राजभाषा विभाग का प्रतिनिधित्‍व करते हैं । नगर स्थित केंद्रीय सचिवालय हिंदी की शाखाओं में किसी निधि एवं हिंदी के किसी एक अधिकारी को भी बैठक में आमंत्रित किया जाता है ।
 
7.      '''उद््‍य:उद्देश्य''' के देश भर फैले हुए ालयोंन्यायालयों/उपक्रमों/बैंंबैंकों में के प्रगामी को बढ़ावा देने राजभाषा के कार्यान्‍वयन के आ रही कठिनाइयों को ने संयुक्‍त की आवश्‍यकता महसूस की गई वे मिल बैठकर सभी कार्यालय/उपक्रम/बैंक आदि कर सकें । फलत: राजभाषा कार्यान्‍वयन समितियों के का लिया गया । इन समितियों के गठन का उद्देश्‍य केंद्रीय सरकार के कार्यालयों/उपक्रमों/बैंकों आदि में राजभाषा नीति के कार्यान्‍वयन की समीक्षा , इसे बढ़ावा और इसके मार्ग में आई कठिनाइयों को है ।
 
[[श्रेणी:राजभाषा]]