"मीना कुमारी": अवतरणों में अंतर

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अपने 30 साल के पूरे फिल्मी सफर में मीना कुमारी ने 90 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था।  हिन्दी सिनेमा के पर्दे पर दिखी अब तक की सबसे दमदार अभिनेत्रियों में मीना कुमारी का नाम आता है। उनकी फिल्मों को “क्लासिक” (Classic) की श्रेणी में रखा जाता है। मीना कुमारी को फिल्म इंडस्ट्री में ट्रेजेडी क्वीन का दर्जा मिला। फिल्मों के साथ-साथ असल जिंदगी में भी मीना कुमारी के साथ कई दुखद हादसे हुए।
 
वाकया 1959-60 का है, जब फिराक (असली नाम 'रघुपति सहाय') को एक मुशायरे में आमंत्रित किया गया। जाने-माने शायर फिराक गोरखपुरी ने एक बार मुशायरा छोड़ दिया था, क्योंकि उन्होंने देखा कि उसमें अभिनेत्री मीरा कुमारी शामिल हो रही हैं। उनका कहना था कि मुशायरे सिर्फ शायरों की जगह हैं। फिराक का असली नाम रघुपति सहाय था. ‘फिराक गोरखपुरी: द पोयट ऑफ पेन एंड एक्सटैसी’ नामक पुस्तक में इस वाकये का जिक्र किया गया है.है। फिराक की इस जीवनी के लेखक उनके रिश्तेदार अजय मानसिंह हैं.हैं।
 
जब फिराक मुशायरा स्थल पर पहुंचे तो उनका तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत किया गया और मुशायरे की शुरुआत पूरे जोशो-खरोश के साथ हुई. करीब एक घंटे के बाद वहां ऐलान किया गया कि मौके पर अदाकारा मीना कुमारी पहुंच चुकी हैं. मुशायरे में शामिल लोग शायरों को मंच पर छोड़कर मीना कुमारी की झलक पाने के लिए भागे.