"मीर उस्मान अली ख़ान": अवतरणों में अंतर
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'''उस्मान अली खान'''(पूरा नाम:
==राजनीतिक जीवन==
निजी तौर पर शिक्षा ग्रहण करने के बाद उस्मान अली ने 29 अगस्त 1911 को छठे निज़ाम [[महबूब अली खान]] से पदभार सँभाला। वित्तीय सुधारों को बढ़ावा देते हुये हैंदरावाद रियासत को वांछनीय वित्तीय रूप से सशक्त स्थिति में लाने का श्रेय उन्हें जाता है। रियासत ने अपनी मुद्रा और सिक्के जारी किए और एक प्रमुख रेल कंपनी का स्वामित्व ग्रहण किया। 1918 में उनकी संरक्षण में [[उस्मानिया विश्वविद्यालय]] हैदराबाद की स्थापना की गयी। कुछ पड़ोसी राजकुमारों के बिपरीत उन्होने अपनी रियासत का सामंतवादी स्वरूप बनाए रखा और अपनी जनता के बीच बहुसंख्यक हिंदुओं की निरंतर बढ़ती आवाज़ की तरफ खास ध्यान नहीं दिया, हालांकि उनका जीवन-स्तर सुधारने पर काफी खर्च किया। [[द्वितीय विश्वयुद्ध]] में उनकी रियासत ने नौसैनिक जहाज और दो रॉयल एयरफोर्स स्क्वाड्रन उपलब्ध कराये। 1946 में उन्हें रॉयल विक्टोरिया चेन से सम्मानित किया गया।
==विभिन्न योगदान==
वे हिन्दू और मुसलमान को अपनी दो आँखों मानते थे। उन्होंने कई मंदिरों की प्रगति के लिए कई बार सोने एवं पैसूं से दान किया.
===ओस्मानिया विश्वविद्यालय===
उन्होंने ख़ास तौर से गरीब प्रजा को दिमाग में रखते हुए एक विद्यालय की स्थापना की जो आज भारत का सबसे बढ़ा विश्व विद्यालय में प्रारम्भ हो गया है।
==साम्राज्य के अवसान के बाद का जीवन==
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