"के एस कृष्णन": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:K. S. Krishnan.jpg|right|thumb|300px|भारतीय भौतिकविद् श्रीनिवास कृष्णन]]
'''कार्यमाणिवकम् श्रीनिवास कृष्णन्''' (Sir Kariamanickam Srinivasa Krishnan, FRS ; 4 दिसम्बर 1898 – 14 जून 1961) [[भारत]] के प्रख्यात भौतिक विज्ञानी थे। [[रमन प्रभाव]] की खोज में [[सी वी रमन]] के साथ वे भी सम्मिलित थे जिसके लिये सी वी रमन को १९३० में [[भौतिकी]] का [[नोबेल पुरस्कार]] प्रदान किया गया था। के एस कृष्णन को विज्ञान एवं अभियांत्रिकी क्षेत्र में [[पद्म भूषण]] से [[१९५४]] में सम्मानित किया गया। ये [[तमिलनाडु]] राज्य से हैं।
 
== परिचय ==
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भौतिकी की प्रत्येक दिशा में आपका महत्वपूर्ण योगदान रहा। [[प्रकाशिकी]], [[चुंबकत्व]], [[इलेक्ट्रानिकी]], [[ठोस अवस्था भौतिकी]], तथा विशेषकर धातु भौतिकी पर आपने अनेक खोज की। सर सी. वी. रमण के साथ रमण-प्रभाव की खोज में भी योग दिया। वैज्ञानिक संसार ने प्रकाशिकी एवं मणिभ (क्रिस्टल) पर चुंबककीय प्रभाव संबंधी आपके अन्वेषण कार्य को अत्यंत ही महत्वपूर्ण माना। आपके अनुसंधान संबंधी अनेक निबंध 'ट्रैंज़ैंक्शंस ऐंड प्रोसीडिंग्स ऑव रायल सोसाइटी' (Transactions and Proceedings of Royal Society) में प्रकाशित हुए हैं।
 
==बाहरी कड़ियाँ==
{{SSBPST recipients in Physical Science}}
 
[[श्रेणी:भौतिक विज्ञानी]]
[[श्रेणी:भारतीय वैज्ञानिक]]
{{१९५४ पद्म भूषण }}
 
[[श्रेणी:१९५४ पद्म भूषण]]