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नया लेख:आमेर दुर्ग
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[[चित्र:JaipurMaharana 03-2016Pratap 03chowk, AmberKashipur, FortUttarakhand.jpg|120px|आमेरकाशीपुर, दुर्गउत्तराखण्ड|link=आमेरकाशीपुर, दुर्गउत्तराखण्ड]]</div><div style="border:none;margin: 0;">
'''काशीपुर''' [[भारत]] के [[उत्तराखण्ड]] राज्य के [[उधम सिंह नगर जिला|उधम सिंह नगर जनपद]] में स्थित एक महत्वपूर्ण पौराणिक एवं औद्योगिक शहर है। वर्ष [[भारत की जनगणना २०११|२०११ की जनगणना]] के अनुसार इस नगर की कुल जनसंख्या १,२१,६२३ है, जबकि [[काशीपुर तहसील]] की कुल जनसंख्या २,८३,१३६ है। इस प्रकार, जनसंख्या की दृष्टि से काशीपुर [[कुमाऊँ मण्डल|कुमाऊँ]] में तीसरा और [[उत्तराखण्ड]] में छठा सबसे बड़ा नगर है। उधम सिंह नगर जनपद के पश्चिमी भाग में स्थित यह नगर भारत की राजधानी, [[नई दिल्ली]] से लगभग २४० किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्व में, और उत्तराखण्ड की अन्तरिम राजधानी, [[देहरादून]] से लगभग २०० किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। काशीपुर को पुराने समय में '''गोविषाण''' या '''उज्जयनी नगरी''' भी कहा जाता था, और [[हर्षवर्धन|हर्ष]] के शासनकाल (७ वीं शताब्दी) से पहले यह नगर [[कुणिंद]], [[कुषाण राजवंश|कुषाण]], यादव, और [[गुप्त राजवंश|गुप्त]] समेत कई राजवंशों के अधीन रहा। इस जगह का नाम काशीपुर, [[चन्द राजवंश|चन्दवंशीय राजा]] देवी चन्द के एक पदाधिकारी काशीनाथ अधिकारी के नाम पर पड़ा, जिन्होंने इसे १६-१७ वीं शताब्दी में दोबारा नए सिरे से बसाया था। ('''[[काशीपुर, उत्तराखण्ड|विस्तार से पढ़ें...]]''')
'''आमेर दुर्ग''' (जिसे आमेर का किला या आंबेर का किला नाम से भी जाना जाता है) [[भारत]] के [[राजस्थान]] राज्य की राजधानी [[जयपुर]] के [[आमेर]] क्षेत्र में एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित एक पर्वतीय दुर्ग है। यह जयपुर नगर का प्रधान पर्यटक आकर्षण है। आमेर का कस्बा मूल रूप से स्थानीय [[मीणा]]ओं द्वारा बसाया गया था, जिस पर कालांतर में [[कछवाहा]] राजपूत [[मान सिंह प्रथम]] ने राज किया व इस दुर्ग का निर्माण करवाया। यह दुर्ग व महल अपने कलात्मक विशुद्ध हिन्दू वास्तु शैली के घटकों के लिये भी जाना जाता है। दुर्ग की विशाल प्राचीरों, द्वारों की शृंखलाओं एवं पत्थर के बने रास्तों से भरा ये दुर्ग पहाड़ी के ठीक नीचे बने [[मावठा सरोवर]] को देखता हुआ प्रतीत होता है। लाल बलुआ पत्थर एवं संगमर्मर से निर्मित यह आकर्षक एवं भव्य दुर्ग पहाड़ी के चार स्तरों पर बना हुआ है, जिसमें से प्रत्येक में विशाल प्रांगण हैं। इसमें दीवान-ए-आम अर्थात जन साधारण का प्रांगण, दीवान-ए-खास अर्थात विशिष्ट प्रांगण, शीश महल या जय मन्दिर एवं सुख निवास आदि भाग हैं। ('''[[आमेर दुर्ग|विस्तार से पढ़ें...]]''')
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