"स्वच्छमण्डल": अवतरणों में अंतर

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Image = Schematic diagram of the human eye en.svg |
Caption = मानव आंख का आरेख (ऊपरी मध्य ओर लेबल किया हुआ कॉर्निया) |<ref>http://www.perseus.tufts.edu/hopper/text?doc=Perseus%3Atext%3A1999.04.0057%3Aentry%3Du%28%2Fdwr</ref>
Image2 = Vertical section human cornea-Gray871.png |
Caption2 = मानव कॉर्निया का उर्ध्वाधर सेक्शन, मार्जिन के निकट से मैग्नीफ़ाइड<br />1. [[:en:Corneal epithelium|एपिथीलियम]]. <br />2. [[:en:Bowman's membrane|आंतरिक इलास्टिक फलक]]. <br />3. [[:en:substantia propria|सब्स्टॅन्शिया प्रॉप्रिया]]. <br />4. [[:en:Descemet's membrane|पृष्ठ इलास्टिक फलक]]. <br />5. [[:en:anterior chamber|आंतरिक कक्ष]] का [[:en:Endothelium|एण्डोथेलियम]] <br />a. [[:en:substantia propria|सब्स्टॅन्शिया प्रॉप्रिया]] की आंतरिक पर्त में तिरछे रेशे। <br />b. लैमिले, जिसके रेशे आर-पार कटे होने से डॉटेड दिखते हैं।<br />c. [[:en:Corneal|कॉर्निया की]] रक्त-कणिकाएं जो अनुभाग में [[:en:fusiform|फ़्यूज़ीफ़ॉर्म]] प्रतीत होती हैं। <br />d. लैमिले, जिसके रेशे लम्बवत कटे होते हैं। <br />e. [[:en:sclera|स्क्लेरा]] में परिवर्तन, जिसक फायब्रिलेशन भिन्न है और मोटी [[:en:epithelium|एपीथीलियम]] से आवृत्त है। <br />f. कॉर्निया के किनारे कटी हुए क्षुद्र रक्त-वाहिकाएं |<ref>http://www.perseus.tufts.edu/hopper/text?doc=Perseus%3Atext%3A1999.04.0057%3Aentry%3Dsfai%3Dra^</ref>
System = |
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'''स्वच्छमण्डल''' या कनीनिया ([[अंग्रेज़ी]]:कॉर्निया) आंखों का वह [[पारदर्शी]] भाग होता है जिस पर बाहर का [[प्रकाश]] पड़ता है और उसका प्रत्यावर्तन होता है। यह आंख का लगभग दो-तिहाई भाग होता है, जिसमें बाहरी आंख का रंगीन भाग, पुतली और लेंस का प्रकाश देने वाला हिस्सा होते हैं। <ref>https://web.archive.org/web/20130927160221/http://webworld.unesco.org/water/ihp/publications/waterway/webpc/world_water_resources.html</ref>कॉर्निया में कोई [[रक्त वाहिका]] नहीं होती बल्कि इसमें तंत्रिकाओं का एक जाल होता है। इसको पोषण देने वाले द्रव्य वही होते हैं, जो आंसू और आंख के अन्य पारदर्शी द्रव का निर्माण करते हैं।<ref name="हिन्दुस्तान">[http://www.livehindustan.com/news/tayaarinews/gyan/67-75-121164.html कॉर्निया]|हिन्दुस्तान लाइव। ८ जून २०१०</ref> प्रायः कॉर्निया की तुलना लेंस से की जाती है, किन्तु इनमें लेंस से काफी अंतर होता है। एक लेंस केवल प्रकाश को अपने पर गिरने के बाद फैलाने या सिकोड़ने का काम करता है जबकि कॉर्निया का कार्य इससे कहीं व्यापक होता है। कॉर्निया वास्तव में प्रकाश को नेत्रगोलक (आंख की पुतली) में प्रवेश देता है। इसका उत्तल भाग इस प्रकाश को आगे पुतली और लेंस में भेजता है। इस तरह यह दृष्टि में अत्यंत सहायक होता है। कॉर्निया का गुंबदाकार रूप ही यह तय करता है कि किसी व्यक्ति की आंख में दूरदृष्टि दोष है या निकट दृष्टि दोष। देखने के समय बाहरी लेंसों का प्रयोग बिंब को आंख के लेंस पर केन्द्रित करना होता है। इससे कॉर्निया में बदलाव आ सकता है। ऐसे में कॉर्निया के पास एक कृत्रिम कांटेक्ट लेंस स्थापित कर इसकी मोटाई को बढ़ाकर एक नया केंद्र बिंदु (''फोकल प्वाइंट'') बना दिया जाता है। कुछ आधुनिक कांटेक्ट लेंस कॉर्निया को दोबारा इसके वास्तविक आकार में लाने के लिए दबाव का प्रयोग करते हैं। यह प्रक्रिया तब तक चलती है, जब तक अस्पष्टता नहीं जाती।
 
== दोष व दान ==