"ज्योतिराव गोविंदराव फुले": अवतरणों में अंतर

No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
छो 47.29.123.142 (Talk) के संपादनों को हटाकर संदेश हिवाळे के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया
पंक्ति 19:
}}
 
'''ज्योतिराव गोविंदराव फुले''' (जन्म - ११ अप्रैल १८२७, मृत्यु - २८ नवम्बर १८९०) एक भारतीय विचारक, समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक तथा क्रान्तिकारी कार्यकर्ता थे। इन्हें 'महात्मा फुले' एवं 'ज्‍योतिबा फुले' के नाम से भी जाना जाता है। सितम्बर १८७३ में इन्होने [[महाराष्ट्र]] में [[सत्य शोधक समाज]] नामक संस्था का गठन किया। महिलाओं व [[दलित|दलितों]] के उत्थान के लिय इन्होंने अनेक कार्य किए। समाज के सभी वर्गो को [[शिक्षा]] प्रदान करने के ये प्रबल समथर्क थे। वे भारतीय समाज में प्रचलित [[जाति]] पर आधारित विभाजन और भेदभाव के विरुद्ध थे।कलकत्ता में काली पाठशाला दरभंगा के राजा रुद्र सिंह ने 1839 में खुलवाया था जो महिलाओं की शिक्षा के लिए आधुनिक तरीकों वाला विद्यालय था।जो गंगाबाई के नेतृत्व में काम करता था।उसका 100 साल पुरा होने पर 1939 में महाराजा कामेश्वर सिंह और काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति गंगा सिंह महाराजा रुद्र सिंह की प्रतिमा का अनावरण करते हैं।थे।
 
== आरंभिक जीवन ==