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'''भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम १९४७''' (Indian Independence Act 1947) युनाइटेड किंगडम की पार्लियामेंट द्वारा पारित वह विधान है जिसके अनुसार ब्रिटेन शासित भारत का दो भागों ([[भारत]] तथा [[पाकिस्तान]]) में विभाजन किया गया। यह अधिनियम को 18 जुलाई 1947 को स्वीकृत हुआ और १५ अगस्त १९४७ को भारत बंट गया।
#पुनर्प्रेषित [[भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम १९४७]]
 
==माउंटबेटन योजना==
[[लॉर्ड माउंटबेटन]], भारत के विभाजन और सत्ता के त्वरित हस्तान्तरण के लिए भारत आये। 3 जून 1947 को माउंटबेटन ने अपनी योजना प्रस्तुत की जिसमे भारत की राजनीतिक समस्या को हल करने के विभिन्न चरणों की रुपरेखा प्रस्तुत की गयी थी। प्रारम्भ में यह सत्ता हस्तांतरण विभाजित भारत की भारतीय सरकारों को डोमिनियन के दर्जे के रूप में दी जानी थीं।
 
;माउंटबेटन योजना के मुख्य प्रस्ताव
 
* भारत को भारत और पाकिस्तान में विभाजित किया जायेगा,
 
* [[बंगाल]] और [[पंजाब]] का विभाजन किया जायेगा और [[उत्तर पूर्वी सीमा प्रान्त]] और [[असम]] के सिलहट जिले में जनमत संग्रह कराया जायेगा।
 
* पाकिस्तान के लिए संविधान निर्माण हेतु एक पृथक संविधान सभा का गठन किया जायेगा।
 
* रियासतों को यह छूट होगी कि वे या तो पाकिस्तान में या भारत में सम्मिलित हो जायें या फिर खुद को स्वतंत्र घोषित कर दें।
 
* भारत और पाकिस्तान को सत्ता हस्तान्तरण के लिए 15 अगस्त 1947 का दिन नियत किया गया।
 
ब्रिटिश सरकार ने भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 को जुलाई 1947 में पारित कर दिया। इसमें ही वे प्रमुख प्रावधान शामिल थे जिन्हें माउंटबेटन योजना द्वारा आगे बढ़ाया गया था।
 
==विभाजन और स्वतंत्रता==
 
सभी राजनीतिक दलों ने माउंटबेटन योजना को स्वीकार कर लिया। [[सर रेडक्लिफ]] की अध्यक्षता में दो आयोगों का ब्रिटिश सरकार ने गठन किया जिनका कार्य विभाजन की देख-रेख और नए गठित होने वाले राष्ट्रों की अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं को निर्धारित करना था। स्वतंत्रता के समय भारत में 562 छोटी और बड़ी रियासतें थीं। भारत के प्रथम गृहमंत्री [[वल्लभभाई पटेल]] ने इस सन्दर्भ में कठोर नीति का पालन किया। 15 अगस्त 1947 तक [[जम्मू कश्मीर]], [[जूनागढ़]] व [[हैदराबाद]] जैसे कुछ अपवादों को छोड़कर सभी रियासतों ने विलय पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए थे। [[गोवा]] पर [[पुर्तगाल|पुर्तगालियों]] और [[पुदुचेरी]] पर [[फ्रांस|फ्रांसीसियों]] का अधिकार था।
 
==सम्बन्धित कालक्रम==
* '''१ सितंबर १९३९ - २ सितम्बर १९४५''' - [[द्वितीय विश्वयुद्ध]] चला। युद्ध के पश्चात ब्रितानी सरकार ने [[आजाद हिन्द फौज]] के अधिकारियों पर मुकद्दमा चलाने की घोषणा की, जिसका भारत में बहुत विरोध हुआ।
 
* '''जनवरी १९४६''' - सशस्त्र सेनाओं में छोटे-बड़े अनेकों विद्रोह हुए।
 
* '''१८ फरवरी सन् १९४६''' - [[मुम्बई]] में रायल इण्डियन नेवी के सैनिकों द्वारा पहले एक पूर्ण हड़ताल की गयी और उसके बाद खुला विद्रोह भी हुआ। इसे ही [[नौसेना विद्रोह]] या 'मुम्बई विद्रोह' (बॉम्बे म्युटिनी) के नाम से जाना जाता है।
 
* ''' फरवरी 1946''' - ब्रितानी प्रधानमंत्री एटली ने भारत में एक तीन सदस्यीय [[कैबिनेट मिशन|उच्चस्तरीय शिष्टमंडल]] भेजने की घोषणा की। इस मिशन को विशिष्ट अधिकार दिये गये थे तथा इसका कार्य भारत को शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण के लिये, उपायों एवं संभावनाओं को तलाशना था।
 
* '''१६ मई १९४६''' - आरंभिक बातचीत के बाद मिशन ने नई सरकार के गठन का प्रस्ताव रखा जिसमें भारत को बिना बांटे सत्ता हस्तान्तरित करने की बात की गयी थी।
 
* '''१६ जून १९४६''' - अपने १५ मई की घोषणा के उल्टा इस दिन कैबिनेट मिशन ने घोषणा की कि भारत को दो भागों में विभाजित करके दोनों भागों को सत्ता हस्तान्तरित की जाएगी।
 
* '''20 फरवरी 1947''' - ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमन्त्री [[सर रिचर्ड एडली]] ने घोषणा की कि ब्रितानी सरकार भारत को जून १९४८ के पहले पूर्ण स्वराज्य का अधिकार दे देगी।
 
* '''१८ मार्च १९४७''' - एडली ने माउन्टबेटन को पत्र लिखा जिसमें देशी राजाओं के भविष्य के बारे में ब्रितानी सरकार के विचार रखे।
 
* '''3 जून 1947''' - माउंटबेटन योजना प्रस्तुत ; इसका प्रमुख बिन्दु यह था कि आगामी १५ अगस्त १९४७ को भारत को दो भागों में विभाजित करके दो पूर्ण प्रभुतासम्पन्न देश (भारत और पाकिस्तान) बनाए जाएंगे।
 
* '''४ जून १९४७''' - माउण्टबैटन ने पत्रकार वार्ता की जिसमें उन्होने ५७० देशी रियासतों के प्रश्न पर अपने विचार रखे।
 
* '''18 जुलाई 1947''' - ब्रिटिश सरकार ने भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम पारित कर दिया।
 
* '''15 अगस्त 1947''' - ब्रितानी भारत का विभाजन / भारत और पाकिस्तान दो स्वतन्त्र राष्ट्र बने।
 
==इन्हें भी देखें==
*[[भारत का विभाजन]]
 
[[श्रेणी:भारत का इतिहास]]
[[श्रेणी:भारत का विभा]]