"बृहत्कथा": अवतरणों में अंतर

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वररुचि ने इस उपाख्यान—माला को सम्भवतः 350 ई. पूर्व लिखा होगा। फिर भी [[सातवाहन]] नामक [[आंध्र प्रदेश|आंध्र]]-नरपति के राजपंडित गुणाढय ने इसे बृहत्कथा नाम से ईसा की पहली शताब्दी में लिखा। इस कथा का नायक नरवाहनदत्त इसी उदयन का पुत्र था।
 
 
[[चित्|thumb|BBPS|350px|बृहत्कथा में प्रमुख पात्रों में से संबंध। ]]
== इन्हें भी देखें ==
* [[कथासरित्सागर]]