"जय सिंह द्वितीय": अवतरणों में अंतर

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[[File:Rajputana 1909.jpg|thumb|राजपूताना प्रान्त का एक पुराना मानचित्र]]
 
 
== सवाई जयसिंह के शासन का सम्पूर्ण राजनैतिक इतिहास ==
 
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Ajk== सवाई जयसिंह के शासन काकाa सम्पूर्णaसम्पूर्ण राजनैतिक इतिहास ==
=== सत्ता का अधिग्रहण और नाम-परिवर्तन ===
राजा विष्णुसिंह की [[काबुल]] में रविवार ३१ दिसम्बर [[१६९९]] (रजब १९, जुलुसी वर्ष ४३) को मृत्यु<ref>''Akhabarat'' : Jadunath Sarkar :'A History of Jaipur' : Page 147 :</ref> होने पर [[मार्गशीर्ष]] सुदी ७ वि० सं० १७५६, जनवरी २५, १७०० ई० को ये आमेर की गद्दी पर बैठे। मृत्यु के प्रायः डेढ़ माह बाद १८ फ़रवरी १७०० को महाराष्ट्र के शाही-शिविर में [[राजा विष्णुसिंह|बिशन सिंह]] के [[काबुल]] में हुए निधन की खबर पहुँची, तो दो दिन बाद (अर्थात २० फरवरी,१७०० को) बादशाह औरंगजेब ने उनके सबसे बड़े पुत्र का नाम ''विजय सिंह'' से बदल कर ''जयसिंह'' करते हुए, उन्हें आमेर की गद्दी का वारिस स्वीकार किया। बादशाह ने जयसिंह के छोटे भाई ''चीमा जी'' का नाम ''विजयसिंह'' रखा। <ref>Jadunath Sarkar : Page 149</ref>