"अंतरराष्‍ट्रीय न्यायालय": अवतरणों में अंतर

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भारत में दलितों के साथ अत्यचार
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{{संयुक्त राष्ट्र}}पूरे विश्व से सम्मानित खंड पीठ व सम्मानित जस्टिस महोदय जी मै गणराज्य भारत से सिविल इंजीनियरिंग छात्र के रूप मे श्याम बिहारी महोदय जी दसको बीत गए लगातार पाकिस्तान और भारत के बीच आतंक हो या फिर कश्मीर का मुद्दा हो या मुंबई का हमला दोनों देशों मे कई हजार सैनिको व आम नागरिक की हत्या हुई है जोकि आज भी वही रवैया है महोदय जी पाकिस्तान पर अन्तराष्ट्रीय दबाव एक बार नहीं कई बार डाला गया लेकिन पाकिस्तान बाज नहीं आया बल्कि आतंक बढ़ाने का काम करता है मिलोट कश्मीर भारत का है या पाकिस्तान का या आतंक रोक पर काम आपकी खंड पीठ करें मिलोट ये सार्वजनिक काम है राजनैतिक अस्तर से बिल्कुल अलग होना चाहिए क्योकि दसक बीत गए आतंक को लेके देश वासियो मे दर्द पैदा है महोदय ये मेरा स्वयं की मन की बात नहीं देशवासियों के मन की बात है महोदय इसका परिणाम देशवासियों का भाग्य होगा जय अंतर्राष्ट्रीय सुप्रीम कोर्ट जय गणराज्य भारतभार
 
 
पूरे विश्व से सम्मानित खंड पीठ व सम्मानित जस्टिस महोदय जी मै गणराज्य भारत से एम .एड ,छात्र अश्विनी कुमार
 
महोदय जी सदियों से हमारे देश में दलितों के साथ भेदभाव होता रहा है देशआजाद होंोोहोनेे के बाद बाबाा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर ने सम्बिधान लिख कर दलितों की दसा में परिवर्तन की एक उमीद जगाई वर्तमान में भाजपा सरकार के चलते देश की दलित,एवं महिलाओं के साथ खुले आम अपमानित जैसी घटनाएँ आये दिन हो रही है उनकी जिन्दगी बद से बदतर हो गई है यदि इस शोसण का कोई विरोध करता है तो उसे जबरन पकड़ कर जेल में डाल दिया जाता है एसी स्थिति में आज देश जाति -पांति की आग में जल रहा है और यहां की दलित जनता,महिलाओं,एवम बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है इस शोसण को रोकने के लिएकाम आप की खंड पीठ करे , महोदय इसका परिणाम देश के उन दलितों,पीड़ितों के भाग्य का होगा, जय अंतर्राष्ट्रीय सुप्रीम कोर्ट जय गणराज्य भारत ।।ं
[[श्रेणी:संयुक्त राष्ट्र|न्यायालय, अन्तरराष्ट्रीय]]