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संदर्भ
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'''ओस''' वातावरण में फैले हुए वाष्प का वह रूप है जो जमकर जलबिंदु अथवा छोटी-छोटी बूँदों के रूप में परिवर्तित होकर पृथ्वी पर गिरता है। ओस बनने की प्रक्रिया का [[संघनन]] से सीधा जुड़ाव है। [[वातावरण]] में शत-प्रतिशत [[सापेक्षिक आर्द्रता]] होने पर वायु संतृप्त हो जाती है और संघनन आरंभ हो जाता है। जिस तापमान पर हवा संतृप्त होती है, उसे [[ओसांक]] या ओस बिंदु कहते हैं। संतृप्तावस्था के बाद वायु को ठंडा करने पर संघनन प्रारंभ हो जाता है। शत-प्रतिशत सापेक्षिक आर्द्रता के बाद अतिरिक्त आर्द्रता का संघनन हो जाता है। यदि तापमान 32ॱ फारेनहाइट के ऊपर है तो तरल रूप में ओस, कुहरा, बादल आदि प्रकट होते हैं।<ref>{{cite book |last1=सविन्द्र |first1=सिंह |title=भौतिक भूगोल का स्वरूप |date=2009 |publisher=प्रयाग पुस्तक भवन |location=इलाहाबाद |isbn=81-86539-74-3 |page=521 |edition=2012}}</ref>
 
==सन्दर्भ==
{{टिप्पणीसूची}}
[[श्रेणी:पर्यावरण]]
[[श्रेणी:जलवायु]]
"https://hi.wikipedia.org/wiki/ओस" से प्राप्त