[[चित्र:East India House by Thomas Malton the Younger.jpg|right|thumb|300px|लन्दन स्थित ईस्ट इण्डिया कम्पनी का मुख्यालय (थॉमस माल्टन द्वारा चित्रित, १८०० ई)]]
'''ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी''' की स्थापना ३१ दिसम्बर १६०० ईस्वी में हुई थी। इसे यदाकदा जॉन कंपनी के नाम से भी जाना जाता था। इसे [[ब्रिटेन]] की महारानी ने [[भारत]] के साथ व्यापार करने के लिये २१ सालो तक की छूट दे दी। बाद में कम्पनी ने भारत के लगभग सभी क्षेत्रों पर अपना सैनिक तथा प्रशासनिक अधिपत्य जमा लिया। १८५८ में इसका विलय हो गया।
'''भारत''' में संबैधानिक इतिहास '''ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी''' की स्थापना '''31 दिसम्बर 1600 ईस्वी''' के साथ प्रारम्भ होता है। यह कार्य एक राजलेख के माध्यम से किया गया, जिसें '''सन् 1600 ई. का राजलेख''' कहा गया। इसके माध्यम से '''महारानी एलिजावेथ प्रथम''' ने '''ईस्ट इडिया कंपनी''' के नाम से जाना गया। स्थापना के समय इसे '''यदाकदा जॉन कंपनी''' के नाम से भी जाना जाता था।
इसे [[ब्रिटेन]] की महारानी ने पूर्वी देशों जैसे- [[भारत]], चीन आदि के साथ व्यापार करने के लिये '''२१ सालो''' तक की छूट दे दी और इस कंपनी का सारा '''प्रशासन एक परिषद''' को सौंप गया जिसके '''शिखर पर गर्वनर और 24 अन्य''' सदस्य होते थे। बाद में कम्पनी ने भारत के लगभग सभी क्षेत्रों पर अपना सैनिक तथा प्रशासनिक अधिपत्य जमा लिया। सन् 1858 में इसको समाप्त कर दिया।
कंपनी से सन् 1773 से लेकर सन् 1857 तक भारत पर शासन किया जिसे भारतीय इतिहास में कंपनी का शासन कहते है। उसके बाद '''[http://www.govjobportal.net/2018/09/historical-background-of-indian.html कंपनी की शासन]''' ब्रिटिश सरकार के हाथों में चला गया जिसके बाद के समय को 1858 से 1947 के समय को '''[http://www.govjobportal.net/2018/09/historical-background-of-indian.html ताज का शासन]''' कहा जाता है।