"क्षोभमण्डल": अवतरणों में अंतर
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'''क्षोभमण्डल''' या '''ट्रोपोस्फ़ीयर''' (<small>troposphere</small>) [[पृथ्वी]] के वायुमंडल का सबसे निचला हिस्सा है। इसी परत में आर्द्रता, जलकण, धूलकण, वायुधुन्ध तथा सभी मौसमी घटनाएं होती हैं। यह पृथ्वी की वायु का सबसे घना भाग है और पूरे वायुमंडल के द्रव्यमान का ८०% हिस्सा इसमें मौजूद है। [[भूमध्य रेखा]] (इक्वेटर) पर इसकी गहराई २० किमी है जो ध्रुवों पर घटकर सिर्फ़ ७ किमी ही रह जाती है। क्षोभमण्डल की औसत ऊँचाई १० से 12 कीमी है। वायुमंडल में इसके ऊपर की परत को [f[समतापमण्डल]] या स्ट्रैटोस्फ़ीयर कहते हैं। इन दोनों परतों के बीच की रेखा का नाम [[ट्रोपोपौज़]] है। इस मंडल का तापमान १५℃ से -५६℃ तक होता है। ऊँचाई के साथ इसमे वायुदाब व तापमान में कमी होती है
क्षोभ मंडल में 165 m ऊपर जाने पर 1'c तापमान घटेगा
== विशेषताएँ ==
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