"रुद्रप्रयाग": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
यहाँ शिव के 10,000 से भी अधिक मन्दिर हैं। टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
छो 106.210.82.223 (Talk) के संपादनों को हटाकर ArmouredCyborg के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया टैग: वापस लिया |
||
पंक्ति 27:
[[चित्र:49-Rudraprayag.jpg|200px|right| रुद्रप्रयाग की एक पेंटिंग]]
'''रुद्रप्रयाग''' [[भारत]] के [[उत्तरांचल]] राज्य के [[रुद्रप्रयाग जिला|रुद्रप्रयाग जिले]] में एक शहर तथा [[नगर पंचायत]] है। रुद्रप्रयाग [[अलकनंदा]] तथा [[मंदाकिनी]] नदियों का संगमस्थल है। यहाँ से अलकनंदा [[देवप्रयाग]] में जाकर [[भागीरथी]] से मिलती है तथा [[गंगा]] नदी का निर्माण करती है। प्रसिद्ध धर्मस्थल [[केदारनाथ]] धाम रुद्रप्रयाग से ८६ किलोमीटर दूर है।
भगवान शिव के नाम पर रूद्रप्रयाग का नाम रखा गया है। रूद्रप्रयाग अलकनंदा और मंदाकिनी नदी पर स्थित है। रूद्रप्रयाग श्रीनगर (गढ़वाल) से 34 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मंदाकिनी और अलखनंदा नदियों का संगम अपने आप में एक अनोखी खूबसूरती है। इन्हें देखकर ऐसा लगता है मानो दो बहनें आपस में एक दूसरे को गले लगा रहीं हो। ऐसा माना जाता है कि यहां संगीत उस्ताद नारद मुनि ने भगवान शिव की उपासना की थी और नारद जी को आर्शीवाद देने के लिए ही भगवान शिव ने रौद्र रूप में अवतार लिया था। यहां स्थित शिव और जगदम्बा मंदिर प्रमुख धार्मिक स्थानों में से है।
रुद्रप्रयाग नगर पंचायत का गठन वर्ष २००२ में किया गया था, और २००६ में इसे नगरपालिका का दर्जा प्राप्त हुआ।<ref>[https://www.amarujala.com/uttarakhand/rudraprayag/21510679303-rudraprayag-news नगर पालिका का हुआ विस्तार, वार्डो की संख्या घटी]</ref>
|