"रसखान": अवतरणों में अंतर

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==काव्य रचना==
रसखान एक महान कवि थे। उनकी अधिकांश रचनायें [[भगवान कृष्ण]] को समर्पित हैं। निम्नलिखित [[सवैया]] में रसखान ने अगले जन्म के लिये ब्रज के आसपास उत्पन्न होने की कामना की है-
:'' मानुषोंमानुष हों तो वही रसखान, बसौं नित गोकुल गाँव के ग्वारन।
:''जो पसु हौं तौ कहा बसु मेरौ, चरौं नित नंद की धेनु मँझारन।।
:''पाहन हौं तौ वही गिरि कौ जुधर्यौ कर छत्र पुरंदर कारन।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/रसखान" से प्राप्त