"गंगासागर": अवतरणों में अंतर
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'''गंगासागर''' ([[:en:सागर द्वीप|सागर द्वीप]] या [[गंगा]]-[[सागर]]-[[संगम]] भी कहते हैं) [[बंगाल की खाड़ी]] के [[कॉण्टीनेण्टल शैल्फ]] में [[कोलकाता]] से १५० कि.मी. (८०मील) दक्षिण में एक द्वीप है। यह [[भारत]] के अधिकार क्षेत्र में आता है और [[पश्चिम बंगाल]] सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन है। इस द्वीप का कुल क्षेत्रफल ३०० वर्ग कि.मी. है। इसमें ४३ गांव हैं, जिनकी जनसंख्या १,६०,००० है। यहीं [[गंगा नदी]] का [[सागर]] से संगम माना जाता है। <ref name = "Telegraph">{{cite web
|url = http://www.telegraphindia.com/1070912/asp/bengal/story_8306906.asp | title = सागर ब्रिज ऑन स्टडी टेबल | accessdate = [[१२ सितंबर]], [[२००७]] | last = | first = | work =
|publisher = ''द टेलीग्रआफ'', [[१२ सितंबर]], [[२००७]]}}</ref>
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|url = http://www.bbc.co.uk/hindi/regionalnews/story/2004/01/040116_gangasagar_tax.shtml| title = गंगासागर जाने वालों पर दोहरा टैक्स| accessdate = [[१६ जनवरी]], [[२००४]]| last = तिवारी| first = प्रभाकरमणि | work = | publisher = बीबीसी-हिन्दी }}</ref> जहां गंगा-सागर का मेला लगता है, वहां से कुछ दूरी उत्तर वामनखल स्थान में एक प्राचीन मंदिर है। उसके पास चंदनपीड़िवन में एक जीर्ण मंदिर है और बुड़बुड़ीर तट पर विशालाक्षी का मंदिर है। <ref name="नूतन सवेरा"/>
[[कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट]] का यहां एक पायलट स्टेशन तथा एक [[प्रकाशदीप]] भी है।<ref name = "Telegraph"/> पश्चिम बंगाल सरकार सागर द्वीप में एक गहरे पानी के बंदरगाह निर्माण की योजना बना रही है। गंगासागर तीर्थ एवं मेला [[महाकुंभ]] के बाद मनुष्यों का दूसरा सबसे बड़ा मेला है। यह मेला वर्ष में एक बार लगता है। [[चित्र:Ganges_River_Delta,_Bangladesh,_India.jpg|thumb|[[गंगा]]-[[डेल्टा]], [[सुंदरवन]] का उपग्रह चित्र, यहीं बीच में गंगा-सागर द्वीप स्थित है।]] यह द्वीप के दक्षिणतम छोर पर गंगा [[डेल्टा]] में गंगा के [[बंगाल की खाड़ी]] में पूर्ण विलय (संगम) के बिंदु पर लगता है।<ref>{{cite web
|url = http://pibkolkata.gov.in/web_26_9_04/english_releases/feature10.htm | title = मकर संक्रांति पर्व| accessdate = ३ सितंबर, २००७ | last = | first = | work = सन्स ट्रान्ज़ीसन फ़्रॉम सैजीटेरियस टू कैपरीकॉर्न: टाइम टू विज़िट गंगासागर | publisher = प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो, भारत सरकार }}</ref> बहुत पहले इस ही स्थानपर गंगा जी कीदधारा सागर में मिलती थी, किंतु अब इसका मुहाना पीछे हट गया है। अब इस द्वीप के पास गंगा की एक बहुत छोटी सी धारा सागर से मिलती है। <ref name="नूतन सवेरा"/> यह मेला पांच दिन चलता है। इसमें स्नान मुहूर्त तीन ही दिनों का होता है। यहां गंगाजी का कोई मंदिर नहीं है, बस एक मील का स्थान निश्चित है, जिसे मेले की तिथि से कुछ दिन पूर्व ही संवारा जाता है। यहां स्थित कपिल मुनि का मंदिर सागर बहा ले गया, जिसकी मूर्ति अब कोलकाता में रहती है, और मेले से कुछ सप्ताह पूर्व पुरोहितों को पूजा अर्चना हेतु मिलती है। अब यहां एक अस्थायी मंदिर ही बना है। <ref name="नूतन सवेरा"/>
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