"विराटनगर, राजस्थान": अवतरणों में अंतर
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== दर्शनीय स्थल ==
यह स्थल [[राजा विराट]] के [[मत्स्य प्रदेश]] की राजधानी के रूप में विख्यात था। यही पर
इस के ऊपर दो समतल मैदान हैं यहां पर व्यवस्थित तरीके से रास्ता बनाया गया है। इस मैदान के मध्य में एक गोलाकार परिक्रमा युक्त ईंटों का मन्दिर था जो आयताकार चार दीवारी से घिरा हुआ था। इस मन्दिर के गोलाकार भीतरी द्वार पर 27 लकड़ी के खम्भे लगे हुए थे। ये अवशेष एक बौद्ध स्तूप के हैं जिसे [[सांची]] व [[सारनाथ]] के बौद्ध स्तूपों की तरह गुम्बदाकार बनाया गया था।
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