"भारतेन्दु हरिश्चंद्र": अवतरणों में अंतर
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अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
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== वर्ण्य विषय ==
भारतेंदु जी की यह विशेषता रही कि जहां उन्होंने ईश्वर भक्ति आदि प्राचीन विषयों पर कविता लिखी वहां उन्होंने समाज सुधार, राष्ट्र प्रेम आदि नवीन विषयों को भी अपनाया।
विषय के अनुसार उनकी कविता शृंगार-प्रधान, भक्ति-प्रधान, सामाजिक समस्या प्रधान तथा राष्ट्र प्रेम प्रधान है।
'''शृंगार रस प्रधान'''
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:कै ब्रज तियगन बदन कमल की झलकत झांईं,
:कै ब्रज हरिपद परस हेतु कमला बहु आईं॥
'''प्रकृति वर्णन''' का यह उदहारण देखिये, जिसमे युमना की शोभा कितनी दर्शनीय है
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:''झुके कूल सों जल परसन हित मनहूँ
== भाषा ==
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