"गुरुत्वाकर्षण": अवतरणों में अंतर

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: ''समेसमन्तात् क्व पतत्वियं खे॥'' --- सिद्धांतशिरोमणि गोलाध्याय - भुवनकोश
 
अर्थात् पृथ्वी में आकर्षण शक्ति है। पृथ्वी अपनी आकर्षण शक्ति से भारी पदार्थों को अपनी ओर खींचती है और आकर्षण के कारण वह जमीन पर गिरते हैं। पर जब आकाश में समान ताकत चारों ओर से लगे, तो कोई कैसे गिरे? अर्थात् आकाश में ग्रह निरावलम्ब रहते हैं क्योंकि विविध ग्रहों की गुरुत्व शक्तियाँ संतुलन बनाए रखती हैं। पर ये गलत है
 
== इन्हें भी देखें ==