"श्रीकांत वर्मा": अवतरणों में अंतर

No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 31:
 
उन्होंने १९७०-७१ और [[१९७८]] में आयोवा विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय लेखन कार्यक्रम में भी भाग लिया था।
[[【【प्रमुख रचनाएँ]]】】
[काव्य]
भटका मेघ, माया दर्पण, दिनारम्भ, जलसाघर, मगध, गरुड़ किसने देखा है
 
[कहानी संग्रह]
झाड़ी, संवाद, घर, ठंड, बास, साथ
[उपन्यास]
दूसरी बार
[आलोचना]
जिरह
[यात्रा वृत्तान्त]
अपोलो का रथ
[साक्षात्कार]
बीसवीं शताब्दी के अंधेरे में
[कविता संकलन का कार्य]
मुक्तिबोध के काव्य संग्रह 'चाँद का मुँह टेढ़ा है' की कविताओं का संकलन
<ref>{{cite web |url= http://pratilipi.in/shrikant-verma/|title=श्रीकांत वर्मा|accessmonthday=[[१६ दिसंबर]]|accessyear=[[२००९]]|format=|publisher=प्रतिलिपि|language=}}</ref>
उन्हेंश्रीकांत वर्मा को [[१९७३]] में [[मध्यप्रदेश]] सरकार का 'तुलसी पुरस्कार'; [[१९८३]] में 'आचार्य नन्ददुलारे वाजपेयी' पुरस्कार; [[१९८०]] में 'शिखर सम्मान'; [[१९८४]] में कविता पर [[केरल]] सरकार का 'कुमार आशान' राष्ट्रीय पुरस्कार; [[१९८७]] में मगध नामक कविता संग्रह के लिये मरणोपरांत [[साहित्य अकादमी पुरस्कार]] प्रदान किए गए।
{{हिन्दी साहित्यकार (जन्म १९३१-१९४०)}}