"श्रीकांत वर्मा": अवतरणों में अंतर
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उन्होंने १९७०-७१ और [[१९७८]] में आयोवा विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय लेखन कार्यक्रम में भी भाग लिया था।
भटका मेघ, माया दर्पण, दिनारम्भ, जलसाघर, मगध, गरुड़ किसने देखा है
झाड़ी, संवाद, घर, ठंड, बास, साथ
दूसरी बार
जिरह
अपोलो का रथ
बीसवीं शताब्दी के अंधेरे में
मुक्तिबोध के काव्य संग्रह 'चाँद का मुँह टेढ़ा है' की कविताओं का संकलन
<ref>{{cite web |url= http://pratilipi.in/shrikant-verma/|title=श्रीकांत वर्मा|accessmonthday=[[१६ दिसंबर]]|accessyear=[[२००९]]|format=|publisher=प्रतिलिपि|language=}}</ref>
{{हिन्दी साहित्यकार (जन्म १९३१-१९४०)}}
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