"श्रीकांत वर्मा": अवतरणों में अंतर

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|title=हिन्दी के कवि श्रीकांत वर्मा|accessmonthday=[[१६ दिसंबर]]|accessyear=[[२००९]]|format=|publisher=ब्रैंड बिहार.कॉम|language=}}</ref>
 
उनकी प्रारंभिक शिक्षा [[बिलासपुर]](bilaspur) तथा [[रायपुर]](raipur) में हुई तथा [[नागपुर विश्वविद्यालय]] से [[१९५६]] में उन्होंने [[हिन्दी]] साहित्य में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की। इसके बाद वे [[दिल्ली]] चले गये और वहाँ विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में लगभग एक दशक तक पत्रकार के रूप में कार्य किया। [[१९६६]] से [[१९७७]] तक वे दिनमान के विशेष संवाददाता रहे। [[१९७६]] में [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस|काँग्रेस]] के टिकट पर चुनाव जीतकर वे [[राज्य सभा]] के सदस्य बने। औरसत्तर सत्तरवेंके दशक के उत्तरार्ध से ८०वेंअस्सी के दशक के पूर्वार्ध तक पार्टी के प्रवक्ता के रूप में कार्य करते रहे। [[१९८०]] में वे [[इंदिरा गांधी]] के राष्ट्रीय चुनाव अभियान के प्रमुख प्रबंधक रहे और [[१९८४]] में [[राजीव गांधी]] के परामर्शदाता तथा राजनीतिक विश्लेषक के रूप में कार्य करते रहे। कांग्रेस को अपना "गरीबी हटाओ" का अमर स्लोगननारा दिया.दिया। वेवह पचास के दशक में उभरने वाले [[नई कविता]] आंदोलन के प्रमुख कवियों में से थे।
 
उन्होंने १९७०-७१ और [[१९७८]] में आयोवा विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय'अन्तरराष्ट्रीय लेखन कार्यक्रम' में भी'विजिटिंग भागपोएट' लियाके था।रूप में आमंत्रित।
[[प्रमुख रचनाएँ]]