"बायो-सेवर्ट का नियम": अवतरणों में अंतर
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'''बायो-सेवर का नियम''' (Biot–Savart law) [[विद्युतचुम्बकत्व]] के अन्तर्गत एक [[समीकरण]] है जो किसी विद्युतधारा द्वारा किसी बिन्दु पर उत्पादित चुम्बकीय क्षेत्र '''B''' का मान बताता है। सदिश राशि '''B''' धारा के परिमाण, दिशा, लम्बाई, एवं बिन्दू से दूरी पर निर्भर करती है। यह नियम स्थिरचुम्बकीय स्थिति में ही वैध है और इससे प्राप्त '''B''' का मान [[एम्पीयर का नियम]] तथा [[गाउस का नियम]] से प्राप्त चुम्बकीय क्षेत्र से मेल खाते हैं। यह नियम सन १८२० में प्रतिपादित किया गया था।
इस नियमानुसार:-
B समानुपाती Idlsintheta÷r2
अर्थात
B=Idlsintheta÷r2
यहा I विद्युत क्षेत्र की तीव्रता
dl अल्पांश
Sintheta dlव जिस बिंदु पर चुम्बकीय तीव्रता ghayat करनी हो दोनो के मध्य की ज्या हैं।
== परिचय ==
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