"श्याम नारायण पाण्डेय": अवतरणों में अंतर

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== कृतियाँ ==
श्याम नारायण पाण्डेय जी ने चार उत्कृष्ट [[महाकाव्य]] रचे, जिनमें [[हल्दीघाटी (काव्य)]] सर्वाधिक लोकप्रिय और [[जौहर (काव्य)]] विशेष चर्चित हुए।
 
माधव, त्रेता के दो वीर प्रसिद्ध रचनाएँ हैं
हल्दीघाटी में वीर शिरोमणि [[महाराणा प्रताप]] के जीवन और जौहर में चित्तौड की ''[[पद्मिनी|रानी पद्मिनी]]'' के आख्यान हैं। [[हल्दीघाटी]] के नाम से विख्यात [[राजस्थान]] की इस ऐतिहासिक वीर भूमि के लोकप्रिय नाम पर लिखे गये हल्दीघाटी महाकाव्य पर उनको उस समय का सर्वश्रेष्ठ सम्मान ''देव पुरस्कार'' प्राप्त हुआ था। अपनी ओजस्वी वाणी के कारण आप [[कवि सम्मेलन]] के मंचों पर अत्यधिक लोकप्रिय हुए। उनकी आवाज मरते दम तक चौरासी वर्ष की आयु में भी वैसी ही कड़कदार और प्रभावशाली बनी रही जैसी युवावस्था में थी।