"कालिदास": अवतरणों में अंतर
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कालिदास के परवर्ती कवि [[बाणभट्ट]] ने उनकी सूक्तियों की विशेष रूप से प्रशंसा की है।<ref> "निर्गतासु न वा कस्य कालिदासस्य सूक्तिसु। प्रीतिर्मधुर सान्द्रासु...।।" -- बाणभट्ट, हर्षचरितम्।</ref>
[[चित्र:Raja Ravi Varma - Mahabharata - Shakuntala.jpg|thumb]]
== समय ==
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