"साहित्यिक यथार्थवाद": अवतरणों में अंतर

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यथार्थवाद के प्रवर्त्तक हंगरी के प्रसिद्ध दार्शनिक और साहित्यिक आलोचक [[जॉर्ज लुकाच]] माने जाते हैं। यथार्थवाद मुख्य रूप से सत्य पर बल देने वाली विचारधारा है। इस विचारधारा के अंतर्गत यथार्थवाद के कई रूप देखने को मिलतेव हैं। जैसे-
 
(१) [[समाजवादी यथार्थवाद]]
(२) [[अति यथार्थवाद]]
(३) [[जादुई यथार्थवाद]]
(४) [[आदर्शोन्मुख यथार्थवाद]]