"उत्तराखण्ड की नदियाँ": अवतरणों में अंतर

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'''उत्तराखण्ड की नदियाँ''' [[भारतीय संस्कृति]] में सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। उत्तराखण्ड अनेक नदियों का उद्गम स्थल है। यहाँ की नदियाँ सिंचाई व जल विद्युत उत्पादन का प्रमुख संसाधन है। इन नदियों के किनारे अनेक धार्मिक व सांस्कृतिक केन्द्र स्थापित हैं। हिन्दुओं की अत्यन्त पवित्र नदी गंगा का उद्गम स्थल मुख्य हिमालय की दक्षिणी श्रेणियाँ हैं। गंगा का प्रारम्भ [[अलकनन्दा नदी|अलकनन्दा]] व [[भागीरथी]] नदियों से होता है। अलकनन्दा की सहायक नदी धौली, विष्णु गंगा तथा [[मन्दाकिनी नदी, उत्तराखण्ड|मंदाकिनी]] है। गंगा नदी, भागीरथी के रूप में [[गौमुख]] स्थान से २५ कि॰मी॰ लम्बे [[गंगोत्री हिमनद]] से निकलती है। भागीरथी व अलकनन्दा [[देव प्रयाग]] संगम करती है जिसके पश्चातपश्चात् वह गंगा के रूप में पहचानी जाती है। यमुना नदी का उद्गम क्षेत्र [[बन्दरपूँछ]] के पश्चिमी [[यमनोत्री हिमनद]] से है। इस नदी में होन्स, गिरी व आसन मुख्य सहायक हैं। राम गंगा का उद्गम स्थल तकलाकोट के उत्तर पश्चिम में माकचा चुंग हिमनद में मिल जाती है। सोंग नदी देहरादून के दक्षिण पूर्वी भाग में बहती हुई वीरभद्र के पास गंगा नदी में मिल जाती है।
 
== झीलें और तालाब ==
[[झील|झीलों]] और [[तालाब|तालाबों]] का निर्माण भू-गर्भीय शक्तियों द्वारा परिवर्तन के पश्चातपश्चात् हिमानियों के रूप में हुआ है जो स्थाई है और जल से भरी है। इनकी संख्या [[कुमाऊँ मण्डल]] में सबसे अधिक है।
 
[[नैनीताल]] की झील [[भीमताल]] जिसकी लम्बाई ४४५ मी.मी॰ है, एक महत्वपूर्ण झील है। इसके अलावा नैकुनि, चालाल, सातसाल, खुर्पाताल, गिरीताल मुख्य है जो अधिकतर नैनीताल जिले में है।
 
[[गढ़वाल मण्डल|गढ़वाल]] के तालाब व झीलें: डोडिताल, उत्तरकाशी, देवरियाताल, रुद्रप्रयाग जनपद, वासुकीताल, अप्सरा ताल, लिंगताल, नर्किंसग ताल, यमताल, सहस्मताल, गाँधी सरोवर, रुपकुण्ड धमो जनपद, हेमकुण्ड, संतोपद ताल, वेणीताल, नचकेला ताल, केदार ताल, सातताल, काजताल मुख्य हैं।