"मुहर्रम": अवतरणों में अंतर

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==ताज़िया का जुलूस==
मुख्य लेख देखें: ''[[ताज़िया]]''
 
12वीं शताब्दी में ग़ुलाम वंश के पहले शासक [[कुतुब-उद-दीन ऐबक]] के समय से ही [[दिल्ली]] में इस मौक़े पर ताज़िये (मोहर्रम का जुलूस) निकाले जाते रहे हैं। इस दिन शिया मुसलमान इमामबाड़ों में जाकर मातम मनाते हैं और ताज़िया निकालते हैं। [[भारत]] के कई शहरों में मोहर्रम में शिया मुसलमान मातम मनाते हैं लेकिन लखनऊ इसका मुख्य केंद्र रहता है।