"रामधारी सिंह 'दिनकर'": अवतरणों में अंतर
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=== गद्य ===
35.
36.
37. अर्धनारीश्वर 1952
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46. पन्त-प्रसाद और मैथिलीशरण 1958
47.
48. धर्म, नैतिकता और विज्ञान 1969
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52. साहित्य-मुखी 1968
53.
54. हे राम! 1968
55. संस्मरण और
56. भारतीय एकता 1971
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58. दिनकर की डायरी 1973
59. चेतना
60. विवाह की मुसीबतें 1973
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61. आधुनिक बोध 1973
[[आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी]] ने कहा
प्रसिद्ध साहित्यकार [[राजेन्द्र यादव]] ने कहा था कि
▲[[आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी]] ने कहा कि दिनकरजी अहिंदीभाषियों के बीच हिन्दी के सभी कवियों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय थे और अपनी "मातृभाषा से प्रेम करने वालों के प्रतीक थे। [[हरिवंश राय बच्चन]] ने कहा कि दिनकरजी को एक नहीं, बल्कि गद्य, पद्य, भाषा और हिन्दी-सेवा के लिये अलग-अलग चार ज्ञानपीठ पुरस्कार दिये जाने चाहिये। [[रामवृक्ष बेनीपुरी]] ने कहा कि दिनकरजी ने देश में क्रान्तिकारी आन्दोलन को स्वर दिया। [[नामवर सिंह]] ने कहा hकि दिनकरजी अपने युग के सचमुच सूर्य थे।
▲प्रसिद्ध साहित्यकार [[राजेन्द्र यादव]] ने कहा कि 1दिनकरजी की रचनाओं ने उन्हें बहुत प्रेरित किया। प्रसिद्ध रचनाकार [[काशीनाथ सिंह]] ने कहा कि दिनकरजी राष्ट्रवादी और साम्राज्य-विरोधी कवि थे।
=== रचनाओं के कुछ अंश ===
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