"कैथोलिक कलीसिया": अवतरणों में अंतर

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== परिचय ==
रोमन काथलिक चर्च ईसा ने अपने भावी अनुयायियोंअनुयायीयों की शिक्षा दीक्षा के लिए एक चर्च की स्थापना की थी और [[संत पीटर]] को इसका अध्यक्ष नियत किया था। संत पीटर का देहांत रोम में हुआ था जिससे प्रारंभ ही से रोम के बिशप को चर्च का परमाध्यक्ष माना जाने लगा। अनेक कारणों से इस चर्च की एकता अक्षुण्ण नहीं रह सकी। पहले [[प्राच्य चर्च]] रोम से अलग हो गए। बाद में [[प्रोटेस्टैंट धर्म]] का उदय हुआ जिसके फलस्वरूप पाश्चात्य चर्च के एक महत्वपूर्ण अंश ने रोम के बिशप का अधिकार अस्वीकार कर दिया। यह सब होते हुए भी आजकल विश्व भर के ईसाइयों के आधे से कुछ अधिक लोग रोमन काथलिक चर्च के सदस्य हैं।
 
यह चर्च रोमन कहा जाता है क्योंकि रोम के [[वैटिकन नगर]] से इसका संचालन होता है। काथलिक का मूल अर्थ व्यापक है। काथलिक चर्च का दावा है कि वह युगयुगांतर तक अर्थात् 'सब समय' 'सभी देशों' के मनुष्यों के लिए खुला रहता है और ईसा द्वारा प्रकट की गई 'सभी' धार्मिक सच्चाइयाँ सिखलाता है।