"गिरफ़्तारी": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Kidnappers arrested Rio.jpg|thumb|ब्राज़ील के रिओ दी जानेरियो नगर में गिरफ़्तार होते हुए आदमी]]
'''गिरफ़्तारी''' किसी व्यक्ति को उसकी अपनी स्वतंत्रता से वंछितवंचित करने की प्रक्रिया को बोलते हैं। साधारण तौर पर यह किसी अपराध की छानबीन के लिए, किसी अपराध को घटने से रोकने के लिए या किसी व्यक्ति या व्यक्तियों की हानि होने से रोकने के लिए किया जाता है। [[मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा]] के अनुच्छेद 9 के अनुसार "किसी को भी मनमाने ढंग से गिरफ़्तार, नज़रबंद, या देश-निष्कसित नहीं किया जाएगा।"
 
==गिरफ्तारी से सम्बन्धित महिलाओं के अधिकार==
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* गिरफ्तारी के समय उसे हथकड़ी न लगाई जाए। हथकड़ी सिर्फ मजिस्ट्रेट के आदेश पर ही लगाई जा सकती है।
* अपने वकील को बुलवा सकती है।
*मुफ्त कानूनी सलाह की मांगमाँग कर सकती है, अगर वह वकील रखने में असमर्थ है।
*गिरफ्तारी के 24 घंटे के अंदर महिला को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करना अनिवार्य है।
*गिरफ्तारी के समय स्त्री के किसी रिश्तेदार या मित्र को उसके साथ थाने जाने दिया जाए।
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*गिरफ्तारी के बाद उसे महिलाओं के कमरे में ही रखा जाए।
*उसे मानवीयता के साथ रखा जाए, जोर-जबरदस्ती करना गैरकानूनी है।
*पुलिस द्वारा मारे-पीटे जाने या दुर्व्यवहार किए जाने पर मजिस्ट्रेट से डाक्टरी जांचजाँच की मांग कर सकती है।
*महिला की डाक्टरी जांचजाँच केवल महिला डाक्टरडॉक्टर ही करें।करे।
 
महिला अपराधियों के साथ पूछताछ के दौरान कभी-कभी छेड़छाड़ के मामले भी सामने आते हैं। इसके लिये महिला इन अधिकारों का प्रयोग कर सकती है-