"पोतराज": अवतरणों में अंतर

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==वर्णन==
पोतराज पुरुष होता है फिर भी वह महिलाके वेश धारण करता है | उसके बाल बंधे हुए होते है | माथेपे हल्दी और कुमकुम लगाया हुआ होता है | कमर पे बहुतसी साड़ियाँ जोड़कर सिलाया हुआ घागरा भी पहनता है|कमरपेही घण्टावाली और घुंगरू बांधी माला लगाई होती है |
पोतराज अपने हंटर के प्रहार से लोगोंकी विपत्तियोंको दूर करता है और देवीकी कृपा भक्तजनोंतक पहुँचाता है ऐसी मान्यता है |<ref>[https://books.google.co.in/books?id=M34RAQAAIAAJ&q=%E0%A4%AA%E0%A5%8B%E0%A4%A4%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C&dq=%E0%A4%AA%E0%A5%8B%E0%A4%A4%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C&hl=en&sa=X&ved=0ahUKEwi6qYn6rtHdAhWLWX0KHYhrBtUQ6AEIUjAH]</ref><ref>{{Cite book|title=भारतीय संस्कृति कोष|last=जोशी|first=महादेवशास्त्री|publisher=भारतीय संस्कृतिकोश मंडल प्रकाशन|year=२००१|isbn=|location=|pages=|language=}}</ref>
 
==पोतराज की पत्नी==