"द लॉर्ड ऑफ़ द रिंग्स": अवतरणों में अंतर

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2. '''दूसरा अध्याय : मोर्डोर तक का सफ़र'''
 
फ़्रोडो और सैम मोर्डोर का रास्ता कोहरे की वजह से नहीं ढूँढ पाते हैं। राह में उनको गोल्लुम मिलता है, जो सारे रास्ते उनका पीछ कर रहा था। अंगूठी के पीछे पागल गोल्लुम उनसे अंगूठी छीनने की कोशिश करता है, लेकिन फ़्रोडो और सैम उसे पकड़ लेते हैं। सैम उसे मार डालना चाहता है, पर फ़्रोडो उस पर तरस खाकर उसे अपना मार्गदर्शक बना देता है, इस शर्त पर कि गोल्लुम उनको मोर्डोर के द्वार तक ले जायेगा और अंगूठी छीनने की कोशिश नहीं करेगा। कुछ समय तक ऐसा प्रतीत होता है कि गोल्लुम सही में उनका सच्चा साथी बन गया है। उधर फ़्रोडो के दिलोदिमाग़ पर अंगूठी और उसे पहनने की चाहत भयानक रूप से भारी पड़ती जा रही थी। वो उन लोगों को मोर्डोर के मुख्य फाटक (मोरान्नोन की काली घाटी) तक ले जाता है, पर उसके पहरे को पार कर पाना नामुम्किन सा था। गोल्लुम फ़्रोडो से कहता है कि वो उनको एक दूसरे गुप्त रास्ते से मोर्डोर के अन्दर ले जा सकता है। इसपर वो तीनों किरीथ उंगोल () की सीढियों के लिए '''मीनास मोर्गुल''' (अंग्मार के डायनराज का किला) की तरफ़ चल पड़े। इथीलियन में उनको बोरोमीर के छोटे भाई फ़ारामीर ने पकड़ लिया, लेकिन फ़्रोडो का मक़सद जानने के बाद उनको छोड़ दिया। लेकिन किरीथ उंगोल पहुँच कर गोल्लुम अपनी शैतानियत से बाज़ नहीं आया और उसने फ़्रोडो को वहाँ की गुफ़ागुफा में रहने वाली एक दानवाकार विशाल मकड़ी '''शेलोब''' () के हवाले कर दिया (अंगूठी चुराने के लिये)। शेलोब ने फ़्रोडो को अपने ज़हर से डँस लिया। सैम ने फ़्रोडो को मरा हुआ समझ उससे अंगूठी ले ली और फ़्रोडो का काम ख़ुद पर ले लिया। वहाँ आये कुछ दैत्यों ने फ़्रोडो का जिस्म अपने कब्ज़े में ले लिया और उसी समय उनकी बातचीत से सैम को पता चलता है कि फ़्रोडो अभी ज़िन्दा है।
 
=== '''तीसरी कड़ी : द लॉर्ड ऑफ़ द रिंग्स--द रिटर्न ऑफ़ द किंग''' ===
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2. '''दूसरा अध्याय : तीसये युग का अन्त'''
 
फ़्रोडो को नंगा करके और बान्धकर दैत्य कैद कर लेते हैं, पर ज़ाहिर है कि उनको अंगूठी नहीं मिली। सैम कुछ वक़्त तक अंगूठीवाहक बनकर उस कैदख़ाने में पहुँचता है, जहाँ उसकी चालाकी से और दैत्यों की अपनी झगड़ालू प्रवृत्ति की वजह से लगभग सभी दैत्य आपस में ही लड़ मरते हैं। फ़्रोडो अंगूठी वापिस लेकर सैम के साथ विनाश की ज्वालामुखी को निकल पड़ता है। अंगूठी के शैतानी जादू ने अबतक फ़्रोडो और सैम को लगभग बेहोश और अधमरा कर दिया था। उधर मोरान्नोन में इन्सानों और दैत्यों के बीच भीषण जंग चल रही थी। फ़्रोडो जब किसी तरह लावा उगलती ज्वालामुखी की गुफ़ागुफा में पहुँचता है, तो अंगूठी के जादू उसपर हावी हो जाता है और फ़्रोडो अंगूठी पहल लेता है। इससे सौरॉन को तुरन्त अंगूठी का पता लग जाता है। लेकिन उसी वक़्त गोल्लुम गुफ़ागुफा में पहुँचता है और अंगूठी छीनने के लिये फ़्रोडो की पूरी उंगली ही दाँत से काट लेता है। अंगूठी पाकर गोल्लुम ख़ुशी से झूम उठता है और ग़लती से नीचे लावे में अंगूठी लिये गिर जाता है। इस तरह गोल्लुम और शैतानी अंगूठी दोनो ही लावे में स्वाहा हो जाते हैं और सौरॉन का वजूद प्रेतात्मा समेत ख़त्म हो जाता है। उसकी दैत्य सेना भी नष्ट कर दी जाती है। फ़्रोडो और सैम को भीषण रूप से आग उगलते ज्वालामुखी से विशाल गरुड़ बचाकर लाते हैं।
 
गोन्डोर में नये राजा आरागॉर्न की ताजपोशी होती है और जल्द ही उसकी प्रेमिका आर्वेन से शादी भी। तीसरे युग का अन्त होता है और मध्य धरती पर शान्ति और ख़ुशहाली वापिस लौटती है। होबिट वापिस शायर लौटते हैं, जहाँ उनको मालूम होता है कि कोई दुष्ट शार्की (जो असल में सारुमान था) हॉबिटॉन पर कब्ज़ा जमाये हुए है। पिप्पिन और मेरी के नेतृत्व में सारुमान और ग्रीमा का अन्त होता है। शायर में ख़ुशहाली वापिस आती है। लेकिन फ़्रोडो को '''अंग्मार के डायनराज''' का दिया पुराना जादुई घाव सालों तक तड़पाता रहता है। इसलिये फ़्रोडो कुछ समय बाद बिल्बो, एल्रोन्ड और गैन्डैल्फ़ के साथ समन्दर पार देवताओं की भूमि वालिनोर चला जाता है।