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==अन्य==
कहा जाता है कि इसका गौरवमयी इतिहास रहा है। इसका अंदाजा गाँव में प्रवेश करते ही तालाब के किनारे बनी छतरियों (थान) से लग जाता है। यहाँ के कई वीर योद्धाओं ने गौ, ब्राह्मण व मातृभूमि के लिए बलिदान किये है। जो जुंजार भोमियाजी व मामाजी के नाम से पूजे जाते है। मूठली भायलों के मुख्य 12 गाँवों में से एक है। राजपूतों में भायलों के अलावा धांधल राठौड़, महेचा राठौड़, धवेचा राठौड़, चौहान और परमारों के भी काफी घर हैं। इनके अलावा राजपुरोहितो के भी काफी घर है। सुथार, नाई, देवासी, जैन, भील, मेघवाल और हरिजनों के लोग भी रहते है यंहा पर। शिक्षा के क्षेत्र में यंहा पर कुल मिलाकर 5 विद्यालय है जिनमे एक निजी व चार सरकारी है। बड़ी स्कूल 12वीं तक है जिसमे करीबन 800 विद्यार्थी पढ़ते है। खेल जगत में भी यंहा की अच्छी पहचान है। कई युवक राज्य स्तरीय खेलो में भाग ले चुके है। खेलने के लिए क्रिकेट, वॉलीबॉल और बास्केटबॉल के मैदान भी है। जिनमे हाई स्कूल के मंगलाराम जी अध्यापक का अच्छा योगदान रहा है। राजनेतिक दृष्टि में 2015 से पहले मूठली और थापन की मिलाकर ग्राम पंचायत थी लेकिन 2015 के बाद मूठली की अलग से पंचायत बनी है जिसका पहला सरपंच चुन्नीलाल भील बना। यंहा पर एक शिव मंदिर है जंहा पर [[श्री खेताराम जी]] ने अपने जीवन का कुछ समय बिताया था उनके समय का एक धुणा अभी भी विद्यमान है। यंहा पर हर त्यौहार अच्छी तरह से व मिलजुल कर मनाया जाता है जिसमे यंहा के कुछ युवको की अच्छी भागीदारी रहती है। व्यापारिक दृष्टि से भी यह गाँव सुदृढ़ है लगभग छोटी बड़ी वस्तु यंही मिल जाती है। यंहा के कई लोग प्रदेशो में व्यापार करते है।
 
==सन्दर्भ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/मूठली" से प्राप्त