"हरिहर राय द्वितीय": अवतरणों में अंतर
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[[विजयनगर साम्राज्य]] का राजा।
इसने "महाराजाधिराज" की उपाधि ली। यह शिव के विरुपाक्ष रूप का उपासक था। इसने "नानार्थ रत्नमाला" नामक ग्रंथ भी लिखा।
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