"दतिया": अवतरणों में अंतर

टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 58:
 
===भांडेर ===
भंडेर दतिया से 30 किलोमीटर दूर है। हाल ही में इसे दतिया की तीसरी तहसील के रूप शामिल किया गया है। महाभारत काल में इस स्थान का नाम भंडकपुर था। यह स्थान सोन तलैया, लक्ष्मण मंदिर और प्राचीन किले के लिए प्रसिद्ध है। भाडेर से 17 किलोमीटर दूर पडोखर एक प्राचीन तीर्थ स्थल है। पांडवो के हाथ से श्री हनुमान एव शिव बालाजी का दिव्य स्थल है। पहूज (पुष्पाबती) नदी तट राजा घाट पर यात्री जब जल हाथ मे लेकर शरीर पर छोड़ता है।तो संकट शरीर निरोग काया वदल जाती है। नीमबृक्ष सिद्ध है। श्रीकृष्ण भगबान है,साथ ही श्री कारस देव का प्राचीन चबूतरे पर छोटा मठ है। पांडवो के नाम ग्राम है भीम,सलपुत्र का पुत्र बृसकेतु,कर्ण का पुत्र मेघकर्ण भी यहाँ आए श्यामकर्ण अश्व लेने भाडेर (भद्रबती )नगर राजा यवनास के नगर से। राजाबिराट के मत्स्य जनपद के समय मे कुछ दिन गुप्त समय मे यहा रहे ऐसी मानता है। भट्ट ब्रह्मणो के महंत कल्यानदास प्रसिद्ध थे पुजारी रामसवरूप दास पूजा अर्चना कि जाती थी संवत 1824 मे राजाशत्रुजीत पांडोखर आऐ दर्शन किऐ।।
 
=== मंदिर ===
"https://hi.wikipedia.org/wiki/दतिया" से प्राप्त