"मैथिली भाषा": अवतरणों में अंतर
[अनिरीक्षित अवतरण] | [अनिरीक्षित अवतरण] |
Content deleted Content added
No edit summary टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
स्रोत हीन दावा हटाया |
||
पंक्ति 45:
{{मुख्य|मैथिली साहित्य}}
[[मैथिली साहित्य]] का अपना समृद्ध इतिहास रहा है और चौदहवीं तथा पंद्रहवीं शताब्दी के कवि [[विद्यापति]] को मैथिली साहित्य में सबसे ऊँचा दर्जा प्राप्त है। विद्यापति के बाद के काल में [[गोविन्द दास]], चन्दा झा, मनबोध, पंडित सीताराम झा, जीवनाथ झा (जीवन झा) प्रमुख साहित्यकार माने जाते हैं।
<!-- मूल शोध सामग्री न डाले -->
|