"पुष्पावति बिल्हेरी": अवतरणों में अंतर

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[[कटनी]] से २० किलोमीटर दूर '''बिल्हेरी''' में विशाल चैत्यलय व धर्मशाला है। यह [[आचार्य तारण तरण देव जी ]] की जन्म भूमि है।यहां १५० कोठों की विशाल धर्मशाला है।
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[[कटनी]] से २० किलोमीटर दूर '''बिल्हेरी''' में विशाल चैत्यलय व धर्मशाला है। यह [[आचार्य तारण तरण देव जी ]] की जन्म भूमि है।यहां १५० कोठों की विशाल धर्मशाला है।
 
==अतिशय==