[[चित्र:bibika.jpg|thumb|right|200px|एक निकट दृश्य]]
'''बीबी के मक़बरे''' का निर्माण [[मुगल|मुग़ल]] बादशाह [[औरंगज़ेब|औरंग़ज़ेब]] ke bete ने, अंतिम सत्रहवीं शताब्दी में करवाया था। यह उसकी बेगम, [[दिलरस बानो बेगम]] की याद में बनवाया गया था। दिलरस बानो बेगम को राबिया-उद-दौरानी के नाम से भी जाना जाता था। यह [[ताजमहल|ताज महल]] की आकृति पर बनवाया गया था। यह [[औरंगाबाद]], [[महाराष्ट्र]] में स्थित है। यह मक़बरा [[अकबर]] एवं [[शाहजहाँ]] के काल के शाही निर्माण से अंतिम मुग़लों के साधारण वास्तुकला के परिवर्तन को दर्शाता है। ताजमहल से तुलना के कारण ही यह उपेक्षा का कारण बना रहा। मुघल काल के दौरान यह वास्तु औरंगाबाद शहर का मध्य हुआ करता था। यह मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब के निर्माण किये हुए वास्तु में सर्वोत्तम है।