"पूर्वी चालुक्य": अवतरणों में अंतर

गुर्जर
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
छो 2405:205:33AE:74B0:81D9:7206:9D70:9E9 (Talk) के संपादनों को हटाकर Hindustanilanguage के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया
पंक्ति 1:
{{स्रोतहीन|date=सितंबर 2018}}
[[चित्र:KodandaRamaTemple Ammapally.jpg|अंगूठाकार|पूर्वी चालुक्या]]
'''पूर्वी चालुक्य''' सोलंकी या 'वेंगी के चालुक्य' दक्षिणी भारत का एक राजवंश था जो कि गुर्जरराजपूत क्षत्रिय थे । जिनकी राजधानी वर्तमान [[आंध्र प्रदेश]] में वेंगी (वर्तमान [[एलुरु]] के पास) थी। पूर्वी चालुक्यों ने ७वीं शताब्दी से आरम्भ करके ११३० ई तक लगभग ५०० वर्षों तक शासन किया। इसके बाद वेंगी राज्य [[चोल साम्राज्य]] में विलीन हो गया और ११८९ ई तक चोल साम्राज्य के संरक्षन में इस पर चालुक्य गुर्जर राजाओं ने शासन किया। इसके बाद वेंगी राज्य पर होयसला और यादव राजाओं के अधीन हो गया।
 
पूर्वी चालुक्यों गुर्जरों की राजधानी पहले वेंगी थी जो बाद में राजमहेन्द्रवरम (राजमुन्द्री) हो गयी। वेंगी, पश्चिमी गोदावरी जिले के एलुरु के निकट स्थित था।
 
पूर्वी चालुक्यों गुर्जरों का बादामी के चालुक्यों गुर्जरों से निकट सम्बन्ध था। पूरे इतिहास में वेंगी राज्य को लेकर चोल साम्राज्य और पश्चिमी चालुक्यों में कई युद्ध हुए। पूर्वी चालुक्यों के काल में [[तेलुगु]] संस्कृति, कला, साहित्य, काव्य का खूब विकास हुआ। इसे आंध्र प्रदेश का 'स्वर्ण युग' कहा जा सकता है।
 
==परिचय==