"गजनी (2008 फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर

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सुनीता को अब सदमा वाली सच्चाई का पता चल जाता है, वह संजय से मुलाक़ात करती है और उसे बताती है कि सच क्या है। गुस्से से बेकाबू होकर वह जी-जान से ग़जनी का पीछा करता है। मुंबई में ग़जनी की मांद में पहुंचकर संजय ग़जनी के सभी अनुचर गुर्गों को एक-एक कर बाकायदा सुनियोजित ढंग से क्रूरतापूर्वक मार डालता है और ग़जनी के पीछे पिल पड़ता है। दुर्दम्य ढंग से खदेड़ता हुआ वह उसके पास पहुँच कर लड़ाई में भिड़ जाता है। वह ग़जनी को मारना ही चाहता है कि उसका स्मृति लोप चक्र फिर घूम जाता है और वह वर्तमान को भूल जाता है। ग़जनी मुड़ता है और छुरा भोंक देता है। वह संजय का मज़ाक उड़ाते हुए वीभत्स घिनौनी कहानी सुनाता है कि उसने कैसे कल्पना की हत्या की थी, तभी अचानक अपनी ताकत का अंतिम उबाल पाकर संजय ग़जनी को काबू में कर लेता है। संजय ग़जनी को ठीक उसी तरह मारता है जिस तरह ग़जनी ने कल्पना की हत्या की थी।
 
फिल्म अपनी समाप्ति की ओर बढ़ती है, संजय अभी भी अपनी स्मृति-लोप की बीमारी से ग्रसित एक अनाथालय में स्वंयसेवक के रूप में काम कर रहा है। सुनीता उसे एक छोटा-सा उपहार देती है जो कि प्लास्टर के पट्ट पर संजय और कल्पना के दबे क़दमों के निशान हैं जब उनदोनों ने एक नए अपार्टमेन्ट में प्रवेश किया था - कल्पना के साथ उसके अन्तरंग साहचर्य की याद ताजा करने के लिए ही वह ऐसा करती है। फैसला दर्शकों पर छोड़ दिया जाता है कि क्या संजय की याददाश्त दोबारा वापस लौट आती है या नहीं (यद्यपि अंतिम दृश्य में वह अपनी पुरानी यादों में खोया हुआ है इसलिए दावे के साथ यह कहा जा सकता है कि - हाँ लौट आती है).Niteesh modi 7210657725
 
== भूमिका ==